ताजा खबरराष्ट्रीय

Shivaji Maharaj Jayanti : हिंदुओं की शान, मराठा साम्राज्य का मान… जिसने 15 की उम्र में कर डाला ‘किला फतह’, जानें वो शिवाजी कैसे बने ‘छत्रपति’

नई दिल्ली। छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती हर साल 19 फरवरी को पूरे देश में मनाई जाती है। आज उनकी 394वीं जयंती है। छत्रपति शिवाजी महाराज ने राष्ट्र को मुगलों के चंगुल से आजाद कर मराठा साम्राज्य की नींव रखी थी। मात्र 15 साल की उम्र में मुगलों के खिलाफ युद्ध का बिगुल बजाने वाले महाराज शिवाजी की गौरव और शौर्य गाथा का भारत में खास स्थान है, जो इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज की गई है। आज उनकी जयंती पर उन्हें नमन करते हुए उनकी वीर गाथा के कुछ किस्सों के बारे में जानते हैं।

शिवाजी का जन्म

शिवाजी का जन्म 19 फरवरी 1630 को शिवनेरी दुर्ग, पुणे, महाराष्ट्र में हुआ था। उनका पूरा नाम शिवाजी राजे भोसले था। उनके पिता का नाम शाहाजी और माता का नाम जीजाबाई था। शिवाजी पर उनकी मां के धार्मिक गुणों का गहरा प्रभाव था। उनकी माता की रुचि धार्मिक ग्रंथों में थी। उन्होंने राजनीति और युद्ध की शिक्षा ली थी। उन्होंने छोटी सी उम्र में ही कई चुनौतियों का सामना किया, कई युद्ध लड़े और अपना पूरा जीवन धर्म की रक्षा के लिए समर्पित कर दिया था।

shivaji maharaj

मुगलों के खिलाफ बजाया युद्ध का बिगुल

शिवाजी बचपन से ही युद्ध के वातावरण और घटनाओं को भली प्रकार समझने लगे थे। उनके मन में स्वाधीनता की लौ जली हुई थी। उस समय देश में मुगलों का राज चरम पर था। महाराज शिवाजी ने ही मुगलों के खिलाफ युद्ध का बिगुल बजाया और उन्हें देश से बाहर निकाल फेका। उन्होंने सिर्फ 15 वर्ष की उम्र में जान की परवाह किए बिना मुगलों पर आक्रमण कर दिया था। इस आक्रमण को गोरिल्ला युद्ध की नीति कहा जाता है।

भारत में मराठा साम्राज्य की रखी नींव

उन्होंने 1674 ई. में पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी। इसके लिए उन्होंने मुगल साम्राज्य के शासक औरंगजेब से लड़ाई की थी। सन् 1674 में रायगढ़ में उनका राज्याभिषेक हुआ और वह शिवाजी महाराज से छत्रपति बनें।

शिवाजी की पत्नी और बच्चे

कहा जाता है कि शिवाजी की कई पत्नियां थीं। उनकी पहली शादी 14 मई 1640 में सईबाई निंबालकर के साथ हुई थी। तब शिवाजी की उम्र केवल 10 साल थी। उनकी दूसरी पत्नी का नाम सोयराबाई मोहिते था। पहली पत्नी से उन्हें 4 संताने हुई। जब कुछ साल बाद गंभीर बीमारी के कारण 3 अप्रैल 1680 को उनकी मृत्यु हो गई तब उनके बड़े बेटे संभाजी ने राज्य का कार्यभार संभाला।

शिवाजी द्वारा लड़े गए प्रमुख युद्ध

  • तोरणा फोर्ट की लड़ाई (1645) – पुणे में स्थित तोरणा किला प्रचंडगड के नाम से जाना जाता है। 1645 में यहां हुआ युद्ध का हिस्सा शिवाजी भी थे। तब उनकी उम्र केवल 15 साल थी। छोटी उम्र में ही अपना युद्ध कौशल दिखाते शिवाजी ने इसमें जीत दर्ज की थी
  • प्रतापगढ़ का युद्ध (1659) – ये महाराष्ट्र के सतारा के पास प्रतापगढ़ किले पर लड़ा गया था। इस युद्ध में शिवाजी ने आदिलशाही सुल्तान के साम्राज्य पर आक्रमण कर प्रतापगढ़ के किले पर जीत हासिल की थी।
  • पवन खींद की लड़ाई (1660) – महाराष्ट्र के कोल्हापुर के पास विशालगढ़ किले की सीमा में ये युद्ध लड़ा गया था। यह युद्ध बाजी प्रभु देशपांडे और सिद्दी मसूद आदिलशाह के बीच लड़ा गया। जिसमें शिवाजी की अहम भूमिका थी।
  • सूरत का युद्ध (1664) – गुजरात के सूरत शहर के पास ये युद्ध छत्रपति शिवाजी महाराज और मुगल सम्राट इनायत खान के बीच में हुआ था। इसमें शिवाजी की जीत हुई।
  • पुरंदर का युद्ध (1665) – इसमें शिवाजी ने मुगल साम्राज्य के खिलाफ लड़ाई लड़ी और जीत हासिल की।
  • सिंहगढ़ का युद्ध (1670) – इसे कोंढाणा के युद्ध के नाम से भी जाना जाता है। मुगलों के खिलाफ लड़कर शिवाजी की फौज ने पुणे के पास सिंहगढ़ किले पर जीत हासिल की थी।
  • संगमनेर की लड़ाई (1679) – मुगलों और मराठों के बीच लड़ी गई ये आखिरी लड़ाई थी जिसमें मराठा सम्राट शिवाजी लड़े थे।

ये भी पढ़ें –Farmers Protest : केंद्र सरकार चार और फसलों पर MSP देने को तैयार… 5 साल का कॉन्ट्रैक्ट, चंडीगढ़ में किसानों के सामने सरकार ने रखा प्रस्ताव; किसान बोले- 2 दिन विचार करेंगे

संबंधित खबरें...

Back to top button