
संतोष चौधरी भोपाल। जिले में इस साल गत वर्ष के मुकाबले गेहूं का रकबा 3 हजार हेक्टयर कम होने के बावजूद बंपर पैदावार हुई है। कृषि विभाग ने 6.10 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गेहूं के उत्पादन का अनुमान लगाया है। इसमें से समर्थन मूल्य पर लगभग 2.50 लाख मीट्रिक टन गेहूं सरकार खरीदेगी। करोंद मंडी में 10 दिन से गेहूं की आवक शुरू हो गई है। शनिवार को मंडी के बाहर टैक्ट्रर-ट्रॉलियों की लंबी कतारें लगी रहीं। यहां रोजाना 8 से 10 हजार क्विंटल गेहूं पहुंच रहा है। शनिवार को 1,900 से 2,300 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं बिका। इस बार समर्थन मूल्य 2,115 रुपए क्विंटल है। हालांकि किसान और व्यापारी दोनों ही निराश हैं।
दरअसल, पिछले साल एक्सपोर्ट खुला होने से किसानों को मंडी में माल बेचने पर समर्थन मूल्य से ज्यादा पैसा मिला था। यहां के व्यापारी भी अपना माल सीधे मुंबई या गुजरात के बडे व्यापारियों को बेच रहे थे। इस बार किसानों को खुले बाजार या मंडियों में समर्थन मूल्य से ज्यादा भाव नहीं मिल रहे। वजह-केंद्र सरकार ने एक्सपोर्ट पर रोक लगा रखी है। समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी 25 मार्च से शुरू होगी।
जिले में गेहूं की बंपर पैदावार हुई है, लेकिन खुले बाजार या मंडियों में पर्याप्त पैसा नहीं मिल रहा। किसान समर्थन मूल्य से कम पर गेहूं बेचने को विवश है, क्योंकि मौसम खराब है और उपज बाहर नहीं रख सकते। – किशोर पाटीदार, मिसरोद
पिछले साल जब तक गेहूं के एक्सपोर्ट पर बैन नहीं था, तब तक व्यापारियों ने अच्छे भाव पर गेहूं खरीदा। इसे मुंबई या अन्य जगह बेचा। इस बार लोकल मार्केट पर ही निर्भर है। – हरीश कुमार, अध्यक्ष, गल्ला व्यापारी संघ, करोंद मंडी, भोपाल
समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए पर्याप्त तैयारी है। 25 मार्च से खरीदी प्रक्रिया शुरू होगी। इस बार किसानों को उनकी सुविधानुसार स्लॉट आवंटित किए गए हैं। उन्हें असुविधा नहीं होगी। -मीना मालाकर,जिला आपूर्ति नियंत्रक