
बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को जॉनसन एंड जॉनसन बेबी पाउडर का फिर से टेस्ट करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने फिर से नमूने लेने और दो सरकारी और एक प्राइवेट लैब में भेजने को कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई 30 नवंबर को होगी। कोर्ट द्वारा जारी आदेश सिर्फ महाराष्ट्र के मुलुंड प्लांट के लिए ही प्रभावी रहेगा।
बिक्री और वितरण पर रोक
अगली सुनवाई तक कंपनी पाउडर का प्रोडक्शन तो कर सकेगी, लेकिन बिक्री और वितरण पर रोक रहेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि महाराष्ट्र के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने बिक्री और वितरण पर रोक लगा रखी है। अभी हाल में एफडीए ने जॉनसन एंड जॉनसन प्लांट के बेबी पाउडर बनाने के लाइसेंस को रद्द कर दिया था। इसी के साथ कंपनी को प्रोडक्ट बाजार से वापस लेने का आदेश दिया था।
जांच में हुआ था फेल
बॉम्बे हाईकोर्ट ने दो हफ्ते के अंदर बेबी पाउडर के नमूनों की दोबारा जांच पूरी करने के आदेश दिए हैं। हाल में महाराष्ट्र सरकार ने जनहित का हवाला देते हुए Johnson and Johnson के बेबी पाउडर पर रोक लगा दी थी। कंपनी के मुलुंड प्लांट से बेबी पाउडर से लिए सैंपल को ‘स्टैंडर्ड क्वालिटी’ का नहीं पाया गया था।
क्या है पूरा मामला
दिसंबर 2018 में एफडीए ने एक औचक निरीक्षण किया था। इसमें जॉनसन एंड जॉनसन के पुणे और नासिक प्लांट में क्वालिटी चेकिंग की गई। मुलुंड प्लांट से लिए गए बेबी पाउडर के सैंपल को स्टैंडर्ड क्वालिटी का नहीं पाया गया। 2019 में इस टेस्टिंग पर फैसला आया जिसमें कहा गया कि बच्चों के लिए यह स्किन पाउडर आईएस 5339:2004 के नियमों के मुताबिक नहीं है।
इसके बाद ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 के अंतर्गत कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। लेकिन कंपनी ने इस कार्रवाई को चुनौती दी और री-टेस्टिंग की फरियाद लगाई।