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प्रदेश में भाजपा 40 सीटों पर ढूंढ रही जीतने वाली ‘नारी शक्ति’

चुनाव में इस बार ज्यादा सीटों पर नजर आएंगीं महिला प्रत्याशी

भोपाल। विधानसभा चुनाव तक भले ही 33 फीसदी महिला आरक्षण लागू न हो पाए लेकिन इस बार भाजपा चुनावी मैदान में ज्यादा महिलाओं को उतारेगी। भाजपा हाईकमान का संकेत मिलते ही प्रदेश में सत्ता-संगठन के नेताओं ने जिताऊ चेहरों की खोजबीन तेज कर दी है। मौजूदा महिला विधायकों को भी टिकट कटने की टेंशन कम हो गई है। इस बार ऐसी संभावना जताई जा रही है कि पार्टी 15 से 20 फीसदी टिकट महिलाओं को दे सकती है। हालांकि पिछले दो दशक के दौरान मप्र भाजपा ने विधानसभा चुनाव में 10 फीसदी से ज्यादा महिलाओं को मौका नहीं दिया।

2018 के चुनाव में 230 सीटों में से केवल 24 क्षेत्रों में महिलाओं को टिकट दिए गए थे लेकिन चुनावी सफलता केवल 11 को ही मिल पाई। इस बार लाड़ली बहना, उज्जवला योजना और रसोई गैस की घटी कीमतों के चलते पार्टी को आधी आबादी के भरपूर समर्थन की उम्मीदें बढ़ गई हैं। लोकसभा में बुधवार को महिला आरक्षण बिल पास होते ही मप्र में भाजपा नेत्रियों की चुनावी हसरतें बढ़ गई हैं। दिन में भाजपा मुख्यालय में महिला नेत्रियों ने खुशियां मनाईं। हालांकि आरक्षण लागू होने की प्रक्रिया में अभी दो-ढाई साल लगने की संभावना जताई जा रही है क्योंकि इसके पहले परिसीमन और जनगणना होना बाकी है। लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है कि भाजपा संगठन इस बार चुनावी मैदान में महिला कैंडिडेट ज्यादा उतारेगी। यह संख्या 35-40 भी हो सकती है, इसके लिए चुनावी सर्वे रिपोर्ट्स के आधार पर जिताऊ महिला प्रत्याशियों की तलाश तेज हो गई है।

39 कैंडिडेट में 4 महिलाएं

भाजपा ने अपनी हारी हुई 103 सीटों में से 39 क्षेत्रों के लिए प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है। इसमें 4 महिला प्रत्याशियों के भी नाम हैं। दूसरी सूची को लेकर विचार मंथन पूरा हो चुका है। अब ऐसी संभावना जताई जा रही है कि पार्टी हारी हुई सीटों पर भी ज्यादा महिला प्रत्याशियों पर दांव लगा सकती है।

41 जिलों में बढ़ी महिला मतदाताओं की संख्या

प्रदेश के 41 जिले ऐसे हैं जहां महिला वोटर्स की संख्या तेजी से बढ़ी है। प्रदेश में कुल वोटर्स की संख्या 5.52 करोड़ है जिसमें 2.67 महिलाएं हैं।

आधी आबादी को 10 फीसदी टिकट

भाजपा ने 2003 में 18 महिलाओं को टिकट दिए थे जिनमें से 15 को सफलता मिली थी। 2008 में 23 महिलाएं चुनाव मैदान में उतरीं जिनमें से 15 विजयी रहीं। 2013 में भी 23 को टिकट मिले जिनमें से 17 को जीत हासिल हुई जबकि 2018 में 24 महिला नेत्री चुनाव मैदान में उतरीं जिनमें से 11 को ही सफलता मिली।

2018 में इन्हें मिली सफलता

यशोधरा राजे सिंधिया शिवपुरी, मनीषा सिंह जैतपुर, मानपुर मीना सिंह, नंदनी मरावी सिहोरा, राजश्री सिंह शमशाबाद, कृष्णा गौर गोविंदपुरा, लीना संजय जैन बासौदा, गायत्री राजे पॅवार देवास, मालिनी गौड़ इंदौर-4, उषा ठाकुर आंबेडकर नगर महू, नीना वर्मा धार।

(इनपुट-राजीव सोनी)

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