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बिकिनी या बुर्किनी ? ड्रेस को लेकर छिड़ी नई बहस, क्यों भड़का हंगामा… जानें क्या है पूरा मामला

फ्रांस के शहर ग्रेनोबल ने करीब एक महीने पहले स्विमिंग पूल में मुस्लिम महिलाओं को बुर्किनी पहनने की इजाजत दे दी थी। इस फैसले पर बहुत विवाद हुआ। बता दें कि ये मामला पहले लोअर कोर्ट पहुंचा और फिर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। जिसके बाद 21 जून को फैसले में अदालत ने ग्रेनोबल शहर के फैसले को रद्द करते हुए बुर्किनी पर बैन को बरकरार रखा है। गौरतलब है कि अब बुर्किनी को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है।

क्या है बुर्किनी ?

बुर्किनी शब्द ‘बुर्का’ और ‘बिकिनी’ शब्दों को मिलाकर बना है। बुर्किनी मुस्लिम महिलाओं के लिए तैयार एक खास तरह का स्विमिंग सूट होता है। जिसे पहनने के बाद शरीर और बाल ढंक जाते हैं। बता दें कि कई फ्रांसीसी आलोचक इसे इस्लामवाद के प्रतीक के तौर पर देखते हैं। फ्रांस की धर्मनिरपेक्षता की वजह से बुर्का अक्सर निशाने पर रहता है। फ्रांस में कई दक्षिणपंथी और कुछ नारीवादी लोग बुर्किनी पर बैन की मांग कर रहे हैं।

क्यों ड्रेस को लेकर छिड़ी है नई बहस ?

सोमवार को ग्रेनोबेल के अल्पाइन शहर में ऐलान किया गया है कि सरकारी स्विमिंग पूल में सभी लोग अपनी पसंद के कपड़े पहन सकते हैं। सभी महिलाएं बुर्किनी पहन सकती हैं। अभी तक फ्रांस के सभी राज्यों में महिलाओं के लिए एक पारंपरिक स्विमिंग सूट और पुरुषों के लिए ट्रंक पहनना अनिवार्य था लेकिन अल्पाइन में मेयर ने ये नियम बदल दिया है।

क्यों है विपक्ष को ऐतराज ?

ग्रेनोबल के मेयर एरिक पिओल के ऐलान के बाद हंगामा भड़का है। बता दें कि वे फ्रांस के दिग्गज नेताओं में शामिल हैं। लेकिन, उनके इस फैसले के बाद विपक्ष उनका जमकर विरोध करता दिख रहा है। मेयर पिओल ने जब इस प्रस्ताव को सदन के सामने उठाया तो इसके समर्थन में 29 वोट जबकि, इसके विरोध में 27 वोट पड़े। सिर्फ 2 वोटों से इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। मेयर पिओल ने कहा कि हम सिर्फ इतना चाहते हैं कि महिलाएं और पुरुष अपनी मर्जी से कपड़े पहन सकें।

क्या है विपक्ष की मांग ?

शहर के मेयर की इस घोषणा को गृह मंत्री गेराल्ड डारमैनिन ने अस्वीकार्य और भड़काऊ बताया है। उन्होंने कहा है कि ये फ्रांस के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के खिलाफ है और वे इसे कानूनी तौर पर चुनौती देंगे।

बुर्किनी का डिजाइनर कौन ?

दरअसल, बुर्किनी के अस्तित्व में आने की कहानी भी बेहद रोचक है। बुर्किनी को सबसे पहले साल 2004 में लेबनान मूल की एक ऑस्ट्रेलियाई मुस्लिम फैशन डिजाइनर अहेदा जानेटी ने डिजाइन की थी। जानेटी ने बुर्किनी डिजाइन करने के पीछे की कहानी ‘द गार्जियन’ के लिए लिखे अपने एक लेख में बताई थी।

जानेटी का कहना था कि एक बार मैंने अपनी भतीजी को हिजाब पहनकर नेटबॉल खेलते देखा तो मुझे मुस्लिम लड़कियों के लिए एक ऐसी ड्रेस बनाने का ख्याल आया, जो स्पोर्ट्स के लिहाज से आरामदायक हो। जो वेस्टर्न लाइफ स्टाइल को अपनाने के साथ ही मुस्लिम लड़कियों की जरूरतों को भी पूरा करती हो। बस यहीं से जानेटी के दिमाग में बुर्किनी का कॉन्सेप्ट आया।

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