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Bhopal : 8 साल में कुत्तों की नसबंदी पर 11 करोड़ खर्च, फिर भी संख्या 35 हजार से बढ़कर डेढ़ लाख हुई

भोपाल। शहर में आवारा कुत्तों को पकड़ने से लेकर, नसबंदी और लोगों के इलाज पर हर साल करोड़ों रुपए खर्च हो रहे हैं। बजट साल दर साल बढ़ रहा है। लेकिन शहर में आवारा कुत्तों का आतंक कम नहीं हो रहा। ऐसी ही एक और घटना सामने आई है। पुराने शहर स्थित चौकसे नगर में घर के बाहर खेल रही 8 साल की मासूम पर तीन कुत्तों ने हमला कर दिया। गनीमत थी कि जिस समय घटना हुई, उस वक्त कुछ महिलाएं पास खड़ी थीं। उन्होंने कुत्तों को भगा दिया, नहीं तो बच्ची को गंभीर रूप से नुकसान पहुंच सकता था। लोगों का कहना है कि इनमें से एक फीमेल डॉग है। कुछ दिन पहले इसका बच्चा मर गया था। इसके बाद से ही वह वहां से गुजरने वाले लोगों पर हमला कर रही है।

इस तरह की घटनाएं रोकने के लिए नगर निगम अच्छा खासा फंड खर्च करता है। लेकिन आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ती जा रही है। नगर निगम के आंकड़े बताते हैं कि शहर में हर महीने 900 अवारा कुत्तों की नसबंदी की जाती है। एक नसबंदी पर 945 रुपए का भुगतान किया जाता है। इसके बाद भी 8 साल में आवारा कुत्तों की संख्या 35 हजार से बढ़कर 1.50 लाख के पार पहुंच गई है। इन सालों में करीब 11 करोड़ रुपए भी खर्च हो चुके हैं।

वैक्सीनेशन पर हर साल एक करोड़ का खर्च

शहर में हर साल करीब एक करोड़ रुपए के रेबीज इंजेक्शन लगाए जाते हैं। हमीदिया अस्पताल में हर साल डॉगबाइट के 6,000 मामले पहुंचते हैं। प्रत्येक मरीज को रेबीज के दो इंजेक्शन लगते हैं। एक इंजेक्शन की कीमत 400 रुपए मानें तो प्रति साल 11,520 डोज के लिए 46 लाख रुपए खर्च होते हैं। लगभग इतने ही इंजेक्शन हर साल जेपी अस्पताल में भी लगाए जाते हैं। वहीं निजी अस्पतालों में भी रेबीज के इंजेक्शन लगाए जाते हैं।

नगर निगम के प्रयास हुए फ्लॉप

– 2019 में 25 पिंजरे रखवाए गए थे। इनमें करीब 50 ऐसे आवारा कुत्ते, जो किसी कारण से आक्रामक हो गए हैं उन्हें रखने की व्यवस्था की गई थी। लेकिन कुछ दिन बाद पिंजरे गायब हो गए।
– 2019 में शहर के सभी वार्डों में आवारा कुत्तों के लिए फीडिंग सेंटर बनाने निर्देश दिए थे। ये सेंटर निगम को बनाने थे, लेकिन नहीं बने।
– 2017 में शहर में कुत्तों के लिए 4 शेल्टर होम बनाने प्रस्ताव पारित किया था। जमीन आवंटन के लिए फाइल प्रशासन को भेजी, लेकिन आवंटन नहीं हुआ।

निगम अमले को देख छिप जाते हैं कुत्ते

चौकसे नगर के लोगों का कहना है कि कॉलोनी में करीब 15 – 16 आवारा कुत्ते हैं, जो दो-तीन झुंड में रहते हैं। कई दफा नगर निगम वार्ड कार्यालय में इनकी शिकायत की जा चुकी है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। लोगों का कहना है कि कुत्तों को पकड़ने के लिए एक-दो बार निगम कर्मचारी आए भी, लेकिन कुत्ते उनके आने से पहले ही यहां-वहां छुप जाते हैं।

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