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2040 की आबादी के अनुमान से मप्र में बना नदियों से पानी सप्लाई का प्लान

भोपाल। अब बड़े शहरों की प्यास नदियों के जरिए बुझाने के लिए प्लान तैयार किया जा रहा है। अमृत-2 योजना के तहत सभी निकाय वर्ष 2040 तक पानी सप्लाई के लिए रोड मैप तैयार कर रहे हैं। प्रारंभिक प्लान के अनुसार प्रदेश के भोपाल, इंदौर सहित 16 नगर निगमों को प्रतिदिन लगभग 27 सौ एमएलडी पानी की जरूरत पड़ेगी। माना जा रहा है कि 17 वषोें में शहरों की आबादी वर्तमान से तीन गुना बढ़ जाएगी, जिसके हिसाब से प्लान तैयार किया जा रहा है।

प्रदेश के 413 नगरीय निकायों में रोजाना पानी सप्लाई के प्लान में अमृत योजना-2 योजना के तहत करीब 17 हजार करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। शहरों में जलापूर्ति की पर्याप्त व्यवस्था के हिसाब से पाइप लाइन, टंकियां बनाने के साथ स्थाई जलस्रोतों की तलाश की जा रही है। ज्यादातर निकायों ने पानी सप्लाई के लिए नदियों को जल स्रोत बनाया है। इसी के अनुसार पानी सप्लाई की डीपीआर भी तैयार की जा रही है। भविष्य में पानी सप्लाई की यह योजना तीन से वर्ष के अंदर बनकर तैयार हो जाएगी।

नर्मदा नदी बड़ा सहारा : बड़े शहरों में पानी की सप्लाई नर्मदा पर अश्रित रहेगी। प्लान के अनुसार भोपाल, इंदौर, जबलपुर के अलावा उज्जैन और देवास में भी नर्मदा का पानी लिफ्ट कर पहुंचाया जाएगा। सप्लाई नदियों के सहारे ही रहेगी, क्योंकि इन्हें स्थाई स्रोत माना जा रहा है।

तीन गुना बढ़ जाएगी शहरों की आबादी : निकायों का अनुमान है कि वर्ष 2040 तक शहरों में तीन गुना आबादी बढ़ जाएगी। जैसे कि वर्ष 2011 जनगणना के अनुसार इंदौर नगर निगम की आबादी 21 लाख 97 हजार से ज्यादा है, लेकिन वर्ष 2040 तक यहां की आबादी बढ़कर 60 लाख के पार होने का अनुमान है।

अमृत-टू योजना में सभी निकाय वर्ष 2040 के अनुसार पानी सप्लाई के नेटवर्क तैयार करने के लिए प्लान बना रहे हैं। इसकी डीपीआर भी बनाई जा रही है। निकायों को स्थाई जल स्रोतों से पानी सप्लाई का प्लान बनाना है। – हंस कुमार जैन, ईएनसी नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग

(इनपुट-अशोक गौतम)

 

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