
भोपाल। प्रदेश के विभिन्न सरकारी विभागों में कामकाज की पेंडेंसी लगातार बढ़ रही है। आलम है कि जून की स्थिति में ढाई हजार से अधिक पत्रों, नोटशीट और अन्य निर्णयों संबंधी मामलों के निराकरण नहीं हो सके हैं। इनमें कई प्रकरण मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा लिए गए फैसलों के भी हैं। अब ये सभी प्रकरण मुख्य सचिव मॉनिट में रखे जाएंगे। लंबित मामलों के निराकरण के लिए अब मुख्य सचिव 15 जुलाई से विभागवार समीक्षा करेंगी। 29 जुलाई तक चलने वाली बैठकों में उपस्थित रहने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। सबसे ज्यादा 500 से अधिक प्रकरण गृह विभाग के अंतर्गत पेंडिंग हैं।
उल्लेखनीय है कि विभागों के कामकाज की मॉनिटरिंग मुख्य सचिव द्वारा लगातार की जा रही है, बावजूद लंबित मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे। ज्यादातर मामले महत्वपूर्ण पत्रों और नोटशीट संबंधी होते हैं जिनका समय सीमा में निराकरण किया जाना है। पिछले दिनों सीएस ने समीक्षा में पाया कि 37 विभागों से जुड़े मामले पेंडिंग हैं।
ज्यादातर मामले कोर्ट केस व कर्मचारियों के
जानकारी सामने आई है कि ज्यादातर मामले कोर्ट केस और कर्मचारियों से जुड़े हैं। गृह विभाग में सबसे ज्यादा 500 प्रकरण हैं इसके बाद नगरीय विकास एवं आवास तथा लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग हैं। साम विभागों में सौ से अधिक प्रकरण लंबित हैं।
इस क्रम में विभागों की समीक्षा
15 से 29 जुलाई के बीच मुख्य सचिव जिन विभागों की समीक्षा करेंगी, उनमें गृह, नगरीय विकास एवं आवास, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, राजस्व, सामान्य प्रशासन, पर्यावरण, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, पर्यटन, पीएचई, जल संसाधन हैं। इसके अलावा स्कूल शिक्षा, पीडब्ल्यूडी, श्रम, कृषि, जनजातीय कार्य, वन, वित्त, वाणिज्यिक कर, सामाजिक न्याय, सहकारिता,ऊर्जा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास और पशुपालन एवं डेयरी विभाग की समीक्षा भी इसी बीच होगी।
कुछ प्रमुख मामले जो लंबित है
- स्वाथ्य विभाग के अंतर्गत 46 हजार से अधिक पदों का भरा जाना प्रमुख है।
- खरगोन के एक उप यंत्री वेतन भुगतान संबंधी।
- उच्च न्यायालय में मई माह में दर्ज प्रकरणों की स्थिति।
- एनजीटी के आर्डर का पालन।
- केन-बेतवा लिंक परियोजना भू- अर्जन, पुनर्वासन और पुन: स्थापना व निर्माण कार्य।
- रोजगार सृजन के संबंध में ।
- जल संसाधन के अंतर्गत पेंडिंग 45 मामलों में 11 जून को सीएम द्वारा कैबिनेट बैठक में दिए गए निर्देशों का पालन।