
क्वेटा। पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के झोब ज़िले में गुरुवार देर रात एक यात्री बस को रोककर 9 यात्रियों को अगवा कर उनकी बेरहमी से हत्या कर दी गई। यह बस क्वेटा से लाहौर जा रही थी, जिसे एन-40 हाईवे पर हथियारबंद लोगों ने रोक लिया। अधिकारियों के अनुसार, आतंकियों ने बस में घुसकर यात्रियों के पहचान पत्र देखे और फिर पंजाब प्रांत के 9 यात्रियों को उतारकर ले गए। करीब एक घंटे बाद उनकी लाशें पास के पहाड़ी इलाके में एक पुल के नीचे मिलीं। सभी की बिलकुल करीब से गोली मारकर हत्या की गई थी।
हमलावरों की पहले से थी योजना
झोब के असिस्टेंट कमिश्नर नवीद आलम के मुताबिक, हमलावर लगभग 10 से 12 की संख्या में थे और वे बस को रोकने के बाद यात्रियों को दूर ले जाकर मारे। इस वारदात को सुनियोजित आतंकी हमला बताया जा रहा है। आलम ने बताया कि शवों को बरखान जिले के रेखनी अस्पताल भेजा गया है।
स्थानीय डिप्टी कमिश्नर हबीबुल्लाह मुसाखेल ने कहा कि, हमलावरों ने सुरक्षाबलों पर भी RPG और ऑटोमैटिक हथियारों से हमला किया और फिर अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गए।
सरकार ने बताया भारत समर्थित हमला,
बलूचिस्तान की प्रांतीय सरकार ने इस हमले के पीछे भारत समर्थित संगठन ‘फितना अल-हिंदुस्तान’ का हाथ बताया है। सरकारी प्रवक्ता शाहिद रिंद ने कहा, “यह सिर्फ हमला नहीं, निर्दोष पाकिस्तानियों की हत्या है। यह फितना अल-हिंदुस्तान की बर्बर मानसिकता का उदाहरण है।”
पाकिस्तान सरकार ने मई 2025 में बलूचिस्तान के सभी विद्रोही संगठनों को फितना-अल-हिंदुस्तान नाम दिया था, जिनमें सबसे सक्रिय संगठन बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) भी शामिल है।
पाकिस्तान का सबसे हिंसाग्रस्त प्रांत है बलूचिस्तान
पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट एंड सिक्योरिटी स्टडीज (PICSS) की रिपोर्ट के मुताबिक, मई 2025 में बलूचिस्तान में 35 आतंकी हमले हुए, जिनमें 51 लोग मारे गए और 100 से ज्यादा घायल हुए। इनमें 30 आम नागरिक, 18 सुरक्षाकर्मी और 3 आतंकी मारे गए।
जनवरी में भी हुआ था बड़ा हमला
इस साल जनवरी 2025 में तुरबत शहर में एक यात्री बस पर बम हमला हुआ था, जिसमें 6 लोगों की मौत और 25 घायल हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी भी BLA ने ली थी।
क्या है बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA)?
BLA बलूचिस्तान का सबसे बड़ा उग्रवादी संगठन है। यह पाकिस्तान से बलूचिस्तान की आजादी और प्राकृतिक संसाधनों पर स्थानीय हक़ की मांग करता है। BLA चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) के खिलाफ भी है और कई बार चीन और पाकिस्तान के प्रोजेक्ट्स पर हमले कर चुका है। बलूच जनता का आरोप है कि सरकार उनके संसाधनों का शोषण कर रही है और स्थानीय लोगों को उनके हक का हिस्सा नहीं दिया जा रहा।
सरकार की प्रतिक्रिया और सुरक्षा सवाल
पाकिस्तान सरकार ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई और हमलावरों को जल्द पकड़ने का वादा किया है। हालांकि, घटना ने पाकिस्तानी सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं क्योंकि पहले से लागू रात की यात्रा पर प्रतिबंध और SOPs के बावजूद ऐसी घटना हो सकी।
झोब और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षाबलों द्वारा तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए ड्रोन और थर्मल कैमरों की मदद ली जा रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस सफलता नहीं मिल सकी है।
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