भोपालमध्य प्रदेश

MP में एंबुलेंस भी रखेगी गर्भवतियों का ख्याल, प्रसव से 15 दिन पहले करेगी कॉल, अस्पताल जाने के लिए पहले से रहेगी तैयार

भोपाल। प्रदेश में डॉक्टरों के साथ 108 एंबुलेंस भी गर्भवतियों का खयाल रखेगी। समय-समय पर इनसे जांच की जानकारी ली जाएगी। प्रसव की तय तारीख से 15 दिन पहले एबुलेंस के कॉल सेंटर से गर्भवतियों को फोन कर पूछा जाएगा कि आपको एंबुलेंस की कब जरूरत है। यानी, प्रसूता को जिस दिन जरूरत होगी, एंबुलेंस पहले से ही उसके घर मौजूद होगी, ताकि अस्पताल जाने में जरा भी देरी नहीं हो।

जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेज (JAES) 108 की हाल में जारी रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि बीते साल 250 से ज्यादा बच्चों का एंबुलेंस में ही प्रसव हुआ था। इसकी वजह ये सामने आई थी कि लोग अंतिम समय में एंबुलेंस को कॉल करते हैं, ऐसे में कई बार एंबुलेंस पहुंचने में देर हो जाती है।

मातृ मृत्युदर के मामले में मप्र का नंबर

मातृ मृत्युदर के मामले में मप्र का स्थान नीचे से तीसरा है। यहां हर साल प्रति तीन लाख गर्भवती महिलाओं में से 163 की मौत हो जाती है। हालांकि अफसर कहते हैं कि बीते साल की तुलना में 10 अंकों की कमी आई है। 2018 में इसका अनुपात 173 था। मप्र से नीचे असम 205 और यूपी 167 है। इसका बड़ा कारण समय पर चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध न होना भी है। 108 एंबुलेंस की इस सेवा से मातृ मृत्युदर में कमी लाने में मदद मिलेगी।

अस्पतालों से लिया जाएगा OPD का डेटा

JAES 108 मैनेजमेंट का कहना है कि गर्भवतियों की जानकारी के लिए सरकारी अस्पतालों के साथ अन्य अस्पतालों से रोजाना ओपीडी का डेटा लेंगे। एनएचएम के पोर्टल से भी प्रदेश मे गर्भवती महिलाओं की जानकारी ली जाएगी। इसके हिसाब से प्रदेशभर में 104 कॉल सेंटर से गर्भवतियों को कॉल किया जाएगा।

7 महीने में 9 लाख गर्भवतियों को पहुंचाया अस्पताल

प्रदेश में बीते 7 माह में एंबुलेंस ने 9.23 लाख गर्भवतियों को प्रसूति के लिए अस्पताल पहुंचाया। इस अवधि में भोपाल में 10,256 गर्भवतियों ने एंबुलेंस सेवा का लाभ लिया। वहीं, इंदौर में 8,530, जबलपुर में 25,212, कटनी में 20,868 ने 108 एंबुलेंस की सेवा ली। सबसे ज्यादा सागर जिले में 39,263 गर्भवतियों ने इस सेवा का लाभ लिया।

प्रदेश में हर रोज 2 हजार से ज्यादा एंबुलेंस 8,000 लोगों को अस्पताल पहुंचाती हैं। प्रसूताओं को अस्पताल ले जाने के अलावा प्रसव के बाद घर तक छोड़ने का काम भी किया जाता है। अब नई सेवा से प्रसूताओं को ज्यादा फायदा होगा।
– तरुण सिंह परिहार, सीनियर मैनेजर, जेएईएस 108 एंबुलेंस

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