
प्रीति जैन- चाय को अब हेल्थ बेनिफिट्स से जोड़ा जा रहा है। यही वजह है कि बॉटनिकल चाय पीने में लोगों का रूझान बढ़ रहा है। इन दिनों ब्लू-टी काफी ट्रेंड कर रही हैं और सोशल मीडिया पर इसके अलग- अलग फायदे एक्सपर्ट्स बता रहे हैं। इस बारे में सिटी के डायटीशियन व न्यूट्रीशनिस्ट से बात की तो उनका कहना है कि यह बात सही है कि नीली चाय फायदेमंद है क्योंकि यह अपराजिता फूल जो नीले रंग के होते हैं, उनसे तैयार होती है। इन सूखे फूलों के पैकेट चाय के रूप में मिल रहे हैं लेकिन इस फूल की बेल बहुत आसानी से घर में भी लगाई जा सकती है और इस फूल की पंखुड़ियों से स्ट्रेस बस्टर और अच्छी नींद के लिए चाय तैयार की जा सकती है। इसे बटरफ्लाई पी- टी कहते हैं।
लैवेंडर, जैस्मिन और रोज-टी भी बनीं पसंद
आपने अपराजिता का फूल भगवान को अर्पित किया होगा, लेकिन यह सिर्फ फूल ही नहीं बल्कि औषधि का भी काम करता है। मूड फ्रेश करने के लिए अपराजिता के फूल की बनी चाय पी जा रही है। यह हमारे मन के साथ-साथ हमारे स्वास्थ्य को भी ताजा रखने रखता है। इस फूल से ब्लू-टी और गुड़हल के फूल से रेड-टी बन रही है। ब्लू-टी एंटी एजिंग, एंटी-डायबिटीक होने के साथ ही मेमोरी बूस्ट करती है। इससे रात को नींद भी अच्छी आती है। इस समय रोज पेटल्स टी, लैवेंडर टी, मोरोकन मिंट, कश्मीरी सैफरन टी, जैस्मिन टी आदि पसंद की जा रही है।
फ्लॉवर टी उन लोगों के लिए अच्छा विकल्प है, जिन्हें बहुत ज्यादा चाय पीने की आदत है। फूलों की बनी चाय को मार्केट से लेने की बजाए घर पर बेल या पौधा लगार भी तैयार कर सकते हैं। खासतौर पर गुड़हल और अपराजिता के फूलों को सूखाकर रख लें। यह एंटी फंगल होती है। डायबिटीज के मरीज इसे पी सकते हैं। हार्ट हेल्थ और अच्छी नींद के लिए फायदेमंद होती हैं। इसकी पखुडियां ज्यादा तेज गर्म पानी में न डालें। -निधि शुक्ला पांडे, न्यूट्रीशनिस्ट
अगर चाय कैफीन फ्री है तो सेहत के लिए ठीक है। खासतौर उन लोगों के लिए जो दिन में चार से पांच चाय पीते हैं। फल-फूलों व पल्प से बनी चाय पी सकते हैं। फूलों से बनी चाय में मेडिसिनल प्रॉपर्टीज होती हैं, जिसकी वजह से वे हेल्थ बेनिफिट्स देती हैं, लेकिन इन्हें भी सीमित मात्रा में देना ठीक है क्योंकि हर व्यक्ति का मेटाबॉलिज्म अलग होता है तो उसे ध्यान में रखना चाहिए। – डॉ. आरएन साहू, मनोचिकित्सक