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WPI Inflation: सितंबर में महंगाई से मामूली राहत, थोक महंगाई दर 12.41 फीसदी से घटकर 10.70 पर आई

सितंबर में आम जनता को महंगाई से थोड़ी राहत मिली है। ऑल इंडिया होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI) पर आधारित थोक महंगाई की वार्षिक दर में राहत देखने को मिली है। भारत सरकार की ओर से जारी WPI के आंकड़ों के अनुसार सितंबर में थोक महंगाई दर 10.7% दर्ज की गई है। अगस्त में थोक महंगाई दर 12.4 1 फीसदी पर रही थी।

18 महीने के निचले स्तर पर थोक महंगाई

वहीं, सितंबर 2021 में यह दर 11.80 प्रतिशत थी। थोक महंगाई सितंबर में लगातार चौथे महीने गिरावट दर्ज की गई। यह 18 महीनों के सबसे निम्नतम स्तर पर पहुंच गया है। हालांकि, पिछले डेढ़ साल से यह 10 फीसदी के स्तर से ऊपर बनी हुई है। मई में WPI 15.88 प्रत‍िशत के र‍िकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच गई थी।

इनपर घटी महंगाई दर

सितंबर में खाद्य महंगाई दर 9.93% से घटकर 8.08% पर और खाद्य तेल WPI -0.74% से घटकर -7.32% पर पहुंच गई है। इसी तरह प्राइमरी आर्टिकल WPI 14.93% से घटकर 11.73% पर आ गई है। फ्यूल एंड पावर WPI 33.67% से घटकर 32.61% पर आ गई है। मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट WPI 7.51% से घटकर 6.34% पर आ गई है। सितंबर में कोर WPI 7.8% से घटकर 7% पर पहुंच गई है।

सितंबर में इस वजह से बढ़ी महंगाई

सितंबर माह में खनिज तेल, खाद्य पदार्थों, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, रसायन और रासायनिक उत्पादों, बुनियादी धातुओं, बिजली, वस्त्र आदि की कीमतों में वृद्धि की वजह से महंगाई बढ़ी है।

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खुदरा महंगाई में हुआ था इजाफा

सितंबर माह के दौरान खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 7.41% हो गई, जो लगातार नौवें महीने रिजर्व बैंक की लिमिट से ज्यादा है। सितंबर 2022 में खाद्य मुद्रास्फीति 8.60% बढ़ गई, जबकि अगस्त में यह 7.62% थी।

महंगाई पर काबू पाने के लिए आरबीआई ने रेपो रेट बढ़ाया

अत्यधिक उच्च मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए आरबीआई ने इस वर्ष रेपो को चार बार बढ़ाकर 5.90 प्रतिशत कर दिया है जो अप्रैल 2019 के बाद सबसे अधिक है।

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