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Pulwama Attack : आतंकियों ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला कर दी थी बड़ी चोट, 42 जवान हुए थे शहीद

14 फरवरी 2019 : आज ही दिन जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था। इस हमले में CRPF के 42 जवान शहीद हो गए थे। आतंकियों की इस काली करतूत के आज 4 साल पूरे हो गए हैं। इस घटना के पीछे जैश ए मोहम्मत के आतंकी थे। दोपहर करीब तीन बजे श्रीनगर से जम्मू आ रहे सीआरपीएफ के करीब 2,500 जवानों के काफिले को आतंकियों ने निशाना बनाया और विस्फोटक से भरी वैन लेकर काफिले के बीच चल रही जवानों की बस को टक्कर मार दी।

10 घंटे का सफर कर चुके थे जवान

इस काफिले में CRPF की 78 बसें थीं। जिस वक्त यह हमला हुआ उस समय जवान करीब 10 घंटे का सफर कर चुके थे। कोई बातचीत कर रहा था तो कोई आराम की मुद्रा में था, लेकिन आतंकियों की करतूत का पता चलते ही हजारों जवानों ने मोर्चा संभाला और क्रॉस फायरिंग शुरू की। आतंकियों के कुछ साथी दूर दराज छिपे थे, जो भाग निकले। इस घटना में आत्मघाती हमलावर का नाम आदिल अहमद डार था। बाद में सुरक्षाबलों ने सज्जाद भट्‌ट, मुदसिर खान समेत कई आतंकियों को मार गिराया था।

हवाई सेवाएं बंद थीं, इसलिए चुना था सड़क मार्ग

पुलवामा हमला आतंकियों की पूरी सोची-समझी रणनीति का हिस्सा था। दरअसल, 2019 में भारी बर्फबारी के कारण लंबे समय तक हवाई सेवाएं बंद थीं। देशभर से श्रीनगर के लिए आए जवान जनवरी से जम्मू में ही रुके थे, जबकि इनकी तैनाती श्रीनगर में थी। हवाई सेवाएं लगातार निरस्त रहने की वजह से सुरक्षाबलों को श्रीनगर भेजने के लिए पूरा काफिला तैयार हुआ। अफसरों को उम्मीद थी कि इतना बड़ा काफिला साथ जाएगा तो आतंकी खतरा कम रहेगा, लेकिन आतंकियों ने इसका फायदा उठाया और बीच रास्ते में आईईडी से भरी वैन से टक्कर मारकर CRPF को बड़ी चोट पहुंचाई।

पाक पर की सर्जिकल स्ट्राइक

इस नापाक हरकत में पाकिस्तान का हाथ होने की बात सामने आई। इसके बाद 26 फरवरी को भारतीय सेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक कर वहां जैश के शिविरों में ट्रेनिंग ले रहे आतंकियों को ढेर किया था। सुरक्षाबलों पर हुए अब तक के सबसे बड़े हमले की जांच जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपी गई। NIA ने 13 हजार से अधिक पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। इस हमले के बाद यूनाइटेड नेशंस समेत दुनियाभर के कई देश आतंक के खिलाफ भारत के साथ खड़े दिखाई दिए।

हमले के बाद बदले गए नियम

सीआरपीएफ के जवानों पर हुए हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सेना और सुरक्षाबलों के मूवमेंट के दौरान नियम बदले गए। पहले मूवमेंट के दौरान आम लोगाें के लिए रास्ते बंद नहीं किए जाते थे। लेकिन इस हमले के बाद से सेना और सुरक्षाबलों के मूवमेंट के दौरान राजमार्गों को आम जनता के लिए बंद करने का फैसला लिया गया। इसके अलावा सुरक्षा के अन्य बंदोबस्त भी किए गए। बख्तरबंद गाड़ियों की संख्या भी बढ़ाई गई है। यही नहीं, एक साथ इतनी बड़ी संख्या में जवानों के मूवमेंट पर भी रोक लगाई गई।

मोदी ने दिया था फ्री हैंड

पुलवामा हमले में जवानों की शहादत के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों सेनाओं को आतंकियों के खिलाफ फ्री हैंड दिया। कहा कि वे अपने तरीके से बदला लेने के लिए स्वतंत्र हैं। इसके बाद 26 फरवरी, 2019 को रात तकरीबन 3 बजे इंडियन एयरफोर्स के 12 मिराज 2000 फाइटर जेट्स ने लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) को पार कर बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को धवस्त कर दिया था। इस हमले में पाकिस्तान द्वारा पोषित 300 आतंकी मारे गए थे। करीब 1,000 किलो बम आतंकी ठिकानों पर बरसाए गए थे।

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