Shivani Gupta
15 Sep 2025
वॉशिंगटन। अमेरिका के बाइडेन प्रशासन ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह साल 2035 तक सिंगल यूज प्लास्टिक को फेडरल ऑपरेशंस से हटा देगा। यह कदम प्लास्टिक पॉल्यूशन से निपटने के कदम के तौर पर उठाया जा रहा है। पर्यावरण को देखते हुए अमेरिका जिस निर्णय को अब ले रहा है वो निर्णय मप्र में पांच साल पहले लिया जा चुका है। लेकिन इस रोक पर ठीक से अमल नहीं किया जा रहा है। अमेरिका में सिंगल यूज प्लास्टिक को हटाने की शुरुआत फूड सर्विस ऑपरेशंस, ईवेंट्स और पैकेजिंग के लिए होने वाली खरीदी से की जाएगी। इसकी समय सीमा साल 2027 रखी गई है।
यह घोषणा बुसान में 25 नवंबर से होने वाली वार्ता के पहले की गई है। दुनिया भर में प्लास्टिक प्रदूषण खत्म करने के लिए होने वाली संधि की बुसान में आखिरी चरण की चर्चा होगी। हालांकि प्लास्टिक के उत्पादन को नियंत्रित करने के लिए समझौते पर सभी देश सहमत नहीं हैं।
मप्र सरकार ने करीब पांच साल पहले प्रदेश के 378 नगरीय निकायों में सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को प्रतिबंधित किया था। आदेश में 19 प्रकार की सिंगल यूज प्लस्टिक पर रोक लगाई गई थी। इस आदेश को भोपाल में 1 जुलाई 2022 से लागू किया गया। शुरुआती एक हफ्ता समझाइश दी गई और इसके बाद 100 से ज्यादा दुकानदारों पर कार्रवाई कर 850 किलो सिंगल यूज प्लास्टिक जब्त और जुर्माना किया गया। इसके बाद निगम ने पांच सदस्यीय टास्क फोर्स बनाई थी।
वहीं, भारत में सिंगल यूज प्लास्टिक बनाने वाली कुछ कंपनियों ने छूट भी ले रखी है। ये कंपनियां जितनी सिंगल यूज प्लास्टिक तैयार करती हैं, उसे नष्ट करने उसी अनुपात में सरकार, पंजीकृत संस्थाओं को राशि देती हैं।
इसके आधार पर केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उन कंपनियों को सिंगल यूज प्लास्टिक बाजार में उतारने के लिए छूट दी है। इसके लिए निकायों और पंचायतों को मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी दी गई है।