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Amarnath Cloudburst: अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से तबाही, 12 वर्षों में तीन बार हुई ऐसी घटनाएं… लेकिन पहली बार दिखा ऐसा दर्दनाक मंजर

हल्की बारिश के बीच टेंट सिटी में यात्रियों का जमावड़ा था। पांच हजार के करीब श्रद्धालुओं में कुछ दर्शन के लिए आ रहे थे और कुछ दर्शन कर वापसी पर थे। उसी दौरान शुक्रवार को अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से आए सैलाब में कई टेंट बह गए। आपदा के दौरान गुफा के पास 10-15 हजार श्रद्धालु मौजूद थे। कई लोग टेंट के साथ बह गए। इनमें से अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि ये कोई पहला मौका नहीं है जब अमरनाथ यात्रा पर प्राकृतिक आपदा की मार पड़ी हो।

1969 में हुआ था पहला बड़ा हादसा

अमरनाथ यात्रा के दौरान सबसे पहला बड़ा हादसा साल 1969 में हुआ था। साल 1969 के जुलाई महीने में भी अमरनाथ यात्रा मार्ग पर बादल फटने की घटना हुई थी। तब इस हादसे में करीब 100 श्रद्धालुओं की जान चली गई थी। ये घटना अमरनाथ यात्रा के इतिहास की पहली बड़ी घटना भी मानी जाती है।

2017 से अब तक ये चौथी घटना

वहीं गुफा के पास पिछले 12 वर्षों में तीन बार अमरनाथ यात्रा के दौरान बादल फटने की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन कभी भी इतनी तबाही नहीं हुई। जानकारी के अनुसार, साल 2010 में भी गुफा के पास बादल फटा था, लेकिन तब भी कोई नुकसान नहीं हुआ था। वर्ष 2021 में 28 जुलाई को गुफा के पास बादल फटने से तीन लोग इसमें फंस गए, जिन्हें बचा लिया गया था। इसमें कोई जानी नुकसान नहीं हुआ था। इस बार बादल फटने से बड़ा नुकसान हुआ है।

हादसे का शिकार हो गई थी श्रद्धालुओं से भरी बस

16 जुलाई 2017 को अमरनाथ जा रहे श्रद्धालुओं की बस रामबन जिले के करीब गहरी खाई में जा गिरी थी। जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाइवे पर हुए इस हादसे में 19 से ज्यादा श्रद्धालु घायल भी हो गए थे। हादसे का शिकार हुई बस में सवार सभी यात्री बाबा बर्फानी का दर्शन करने जा रहे थे। 2019 में 1 से 26 जुलाई के बीच अमरनाथ यात्रा के दौरान भी करीब 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी।

अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले का भी खतरा

अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले का भी साया रहता है।

  • साल 1993 में हरकत-उल-अंसार ने तीन श्रद्धालुओं की हत्या कर दी थी।
  • साल 1994 में आतंकियों ने दो श्रद्धालुओं की हत्या कर दी थी।
  • साल 1995 और 1996 में भी आतंकियों ने तीर्थ यात्रियों पर हमले किए लेकिन वे सफल नहीं रहे।
  • साल 2000 में आतंकियों ने पहलगाम बेस कैंप पर हमला कर दिया था जिसमें 35 लोग मारे गए थे।
  • आतंकियों ने साल 2001 में 12 तीर्थ यात्रियों की हत्या कर दी थी।
  • साल 2002 में आतंकियों के हमले में 10, 2006 में एक श्रद्धालु की मौत हुई थी।
  • आतंकियों ने साल 2017 में भी अमरनाथ यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं की बस पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी जिसमें सात श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी जबकि 32 लोग घायल हो गए थे।

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