
अहमदाबाद। 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट AI171 के दर्दनाक हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) द्वारा 12 जुलाई को जारी की गई इस रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। 15 पन्नों की इस रिपोर्ट के मुताबिक, टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद ही विमान के दोनों इंजन अचानक बंद हो गए थे, जिससे यह दुर्घटना हुई। हादसे में 260 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि केवल एक व्यक्ति ही जीवित बच पाया।
टेकऑफ के तुरंत बाद दोनों इंजन बंद
AAIB की रिपोर्ट के अनुसार, फ्लाइट AI171 ने दोपहर 1:39 बजे अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी। उड़ान भरने के महज कुछ सेकंड बाद ही विमान के दोनों इंजनों के फ्यूल कटऑफ स्विच ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ स्थिति में चले गए, जिससे फ्यूल की सप्लाई बंद हो गई और दोनों इंजन बंद हो गए। यह सब कुछ केवल 1 सेकंड के अंतराल में हुआ।
कॉकपिट में हुआ संवाद, दिखी भ्रम की स्थिति
रिपोर्ट में बताया गया है कि विमान के कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में हादसे से ठीक पहले दोनों पायलटों के बीच हुई बातचीत रिकॉर्ड हुई।
इसमें एक पायलट ने हैरानी से दूसरे से पूछा- “क्या तुमने इंजन बंद किया?”
दूसरे पायलट ने जवाब दिया – “नहीं, मैंने ऐसा नहीं किया।”
यह संवाद इस ओर इशारा करता है कि फ्यूल स्विच के बंद होने की वजह तकनीकी गड़बड़ी भी हो सकती है या मानवीय भ्रम।
क्रैश से पहले पायलट्स ने की इंजन रिस्टार्ट की कोशिश
जांच रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों पायलटों ने स्थिति को संभालने की कोशिश की और इंजन को दोबारा स्टार्ट करने के प्रयास किए। इंजन-1 ने कुछ हद तक प्रतिक्रिया दी लेकिन इंजन-2 पूरी तरह से स्टार्ट नहीं हो सका। विमान बहुत कम ऊंचाई पर था, इसलिए दोबारा ताकत नहीं पा सका और मेडिकल कॉलेज हॉस्टल की इमारत से टकरा गया।
रैम एयर टर्बाइन (RAT) हुई एक्टिवेट
जैसे ही इंजन बंद हुए, विमान का आपातकालीन डिवाइस Ram Air Turbine (RAT) खुद-ब-खुद एक्टिवेट हो गया। यह डिवाइस तब चालू होती है जब विमान की मुख्य पावर सप्लाई फेल हो जाती है। RAT हवा की गति से बिजली और हाइड्रोलिक पावर उत्पन्न करती है ताकि विमान के नियंत्रण और नेविगेशन को कुछ समय तक चालू रखा जा सके।
फ्यूल की गुणवत्ता सही, बर्ड हिटिंग और मौसम की भूमिका नहीं
रिपोर्ट में बताया गया है कि ईंधन में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई। बर्ड हिटिंग या मौसम खराब होने जैसी कोई बात सामने नहीं आई है। मौसम साफ था और दृश्यता सामान्य थी।
पायलट्स थे पूरी तरह फिट और अनुभवी
दोनों पायलट मेडिकल रूप से फिट थे। पायलट इन कमांड के पास 15,000 घंटे और को-पायलट के पास 3,400 घंटे का उड़ान अनुभव था। यह दर्शाता है कि हादसे में पायलट की दक्षता की कोई कमी नहीं थी।
सिर्फ 32 सेकंड में हुआ हादसा
पायलट ने टेकऑफ के तुरंत बाद एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को ‘Mayday Mayday Mayday’ का इमरजेंसी कॉल भेजा था। लेकिन विमान सिर्फ 32 सेकंड के लिए हवा में रहा और फिर गिरकर क्रैश हो गया।
विमान का ब्लैक बॉक्स और डेटा रिकॉर्डिंग
विमान के अगले हिस्से में लगा EAFR (Extended Airframe Flight Recorder) डेटा रिकॉर्डिंग के लिए उपयोगी रहा जबकि पिछला रिकॉर्डर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। अभी भी डेटा रिकवरी के लिए विशेष तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है।
हादसे में 260 लोगों की मौत
इस हादसे में 241 यात्री, क्रू मेंबर, और 19 अन्य लोगों की मौत हुई। हादसे में मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में रहने वाले लोग भी हताहत हुए। यह पहला मौका था जब ड्रीमलाइनर (Boeing 787-8) विमान पूरी तरह से नष्ट हुआ और इतनी बड़ी संख्या में लोगों की जान गई।
अब तक नहीं दी गई कोई चेतावनी या एडवाइजरी
AAIB की शुरुआती रिपोर्ट में न तो बोइंग और न ही इंजन निर्माता GE को किसी प्रकार की चेतावनी या सिफारिश जारी की गई है। जांच अभी भी जारी है और अगली रिपोर्ट में तकनीकी विश्लेषण और विस्तृत निष्कर्ष सामने आ सकते हैं।
एअर इंडिया और बोइंग का आधिकारिक बयान
बोइंग और एअर इंडिया दोनों ने इस हादसे पर दुख जताया है और जांच एजेंसियों के साथ पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है। एअर इंडिया ने कहा, “हम इस कठिन समय में पीड़ित परिवारों के साथ खड़े हैं और हर संभव सहयोग दे रहे हैं।”
AAIB ने बताया है कि, अभी इस मामले में कई तकनीकी पहलुओं की समीक्षा की जा रही है। चश्मदीदों और एकमात्र बचे यात्री के बयान भी जांच में शामिल हैं। विशेषज्ञों की टीम विमान के मलबे, ब्लैक बॉक्स और इंजनों की गहन जांच कर रही है ताकि सही कारण का पता लगाया जा सके।