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भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में कई जगह हवा हुई विषैली, सांस लेना दूभर

मध्य प्रदेश में सर्दी के साथ बढ़ा प्रदूषण, कई शहरों में गिरी हवा की क्वालिटी

भोपाल। सर्दी बढ़ने के साथ ही प्रदेश में प्रदूषण बढ़ने लगा है। प्रदेश के चारों महानगरों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में कई स्थानों पर एक्यूआई वैरी पुअर की कैटेगरी में पहुंच चुका है। सभी शहरों में प्रदूषण बढ़ने के कारण लगभग समान हैं। इन शहरों में प्रदूषण फैलाने वाले बड़े फैक्टर कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी और पुराने कंडम वाहन हैं। जानकारों के अनुसार हवा की धीमी गति भी एक्यूआई बढ़ने की बड़ी वजह है। हवा तेज होने पर प्रदूषण में कमी दर्ज होगी। ठंड बढ़ने से वायुमंडल में मौजूद हानिकारक गैसें एक्सपैंड होकर ऊपर नहीं जा पा रही हैं। जो एक्यूआई बढ़ने का एक और कारण है। प्रदूषण फैलाने वाला अन्य कारण ग्रामीण क्षेत्रों में कई जगह नरवाई जलाना भी है।

प्रदूषण की बड़ी वजह

  • निर्माण कार्यों के दौरान उड़ने वाली धूल है। भोपाल में मेट्रो, कोलार 6 लेन समेत कई निर्माण चल रहे हैं। सड़कें भी जर्जर हैं, जिनसे धूल उड़ती रहती है।
  • 15 साल से ज्यादा पुराने व कंडम वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं।
  • खुले में कचरा जलाने का सिलसिला जारी है।

भोपाल में प्रशासन ने उठाए कदम, कॉमर्शियल वाहनों की चेकिंग शुरू

कलेक्टर आशीष सिंह ने निजी और प्राइवेट चार पहिया वाहनों की पीयूसी जांच के लिए 15 दिन की मोहलत दी है। फिर चालानी कार्रवाई होगी।

  • बुधवार को कॉमर्शियल चार पहिया वाहनों की जांच शुरू कर दी गई।
  • आरटीओ ने पहले दिन 6 वाहन जब्त किए गए।
  • निर्माण स्थल पर लगानी होगी नेट।
  • कचरा जलाने पर लगेगा जुर्माना।

वायु प्रदूषण से इन समस्याओं का खतरा

  • आंख, कान, गला व त्वचा में जलन
  • खराश, खांसी, सांस में कठिनाई
  • छाती में दबाव और दर्द होना
  • सिर दर्द, चक्कर आना
  • हाथ-पैरों में शिथिलता
  • लोअर रेस्पिरेटरी ट्रेक्ट इंफेक्शन, आस्थमा, ब्रोनकाइटिस, सीओपीडी, सेरेब्रोवास्कुलर स्ट्रोक जैसी समस्याएं

भोपाल में प्रदूषण से बढ़ने लगे सांस के मरीज

जेपी व हमीदिया हॉस्पिटल में इन दिनों ओपीडी में 450 से ज्यादा मरीज आ रहे हैं।

सलाह: डॉक्टरों की सलाह है कि मास्क का प्रयोग करना चाहिए और जरूरत पर ही घर से निकलें।

मेरा बेटा अभी सात साल का है, लेकिन आए दिन उसे जुकाम रहता है। यदि बिना मास्क के खड़े हो जाओ तो सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। – कंचन पटेल, गृहणी

फेफड़ों पर असर हो रहा है। खांसी, सांस लेने में परेशानी के साथ अस्थमा की शिकायत हो रही है। लोगों को मास्क लगाना चाहिए। -डॉ. पराग शर्मा, रीजनल रेस्पीरेटरी इंस्टीट्यूट के एसोसिएट प्रोफेसर

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