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विदिशा : 24 घंटे तक बोरवेल में फंसे बच्चे की सांसें थमीं, बोरवेल से निकालते ही ले गए थे अस्पताल

विदिशा। विदिशा जिले की लटेरी तहसील के खेरखेड़ी पठार गांव में मंगलवार को 60 फीट गहरे कच्चे बोरवेल में गिरे 7 वर्षीय बालक लोकेश अहिरवार को रेस्क्यू के बाद चिकित्सकों ने मृत घोषित किया है। लगभग 24 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के अलावा पुलिस, होमगार्ड, राजस्व, स्वास्थ्य आदि विभागों का अमला मासूम को बचाने में जुटा रहा। आनन-फानन में मासूम को अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने लोकेश अहिरवार को मृत घोषित कर दिया।

सीएम शिवराज ने शोक जताया

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है और परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की हैं। सीएम ने ट्वीट कर लिखा- अत्यंत दु:खद है कि विदिशा के खेरखेड़ी गांव में बोरवेल में गिरे बेटे लोकेश को अथक प्रयासों के बाद भी नहीं बचाया जा सका। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और परिजनों को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं। ॐ शांति।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सांरग ने कहा कि विदिशा की लटेरी तहसील के खेरखेड़ी पठार गांव में 60 फीट गहरे बोरवेल में गिरे 7 वर्षीय मासूम की मौत हो गई है। सभी तरह की तकनीक का उपयोग कर रेस्क्यू किया गया। परंतु यह दुर्भाग्यपूर्ण है उसे बचाया नहीं जा सका। पहले से निर्देश दिए गए हैं कि बोरवेल को ढक कर रखा जाए।

परिवार को 4 लाख की सहायता

कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीड़ित परिवार को 4 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। सीएम ने कहा दुःख की इस विकट घड़ी में सरकार शोकाकुल परिवार के साथ खड़ी है। हमने तय किया है कि राज्य सरकार की ओर से पीड़ित परिवार को 4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। दोषियों पर उचित कार्रवाई भी करेंगे ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।

कल से रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं स्थानीय प्रशासन के सभी साथियों ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया, इसके लिए आभार।

60 फीट गहरे बोरवेल में गिरा था मासूम

विदिशा की लटेरी तहसील के खेरखेड़ी पठार गांव में 7 वर्षीय मासूम लोकेश अहिरवार मंगलवार सुबह 11 बजे 60 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया था। जिसके बाद से मासूम को बचाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम लगातार रेस्क्यू कर रही थी। घटनास्थल पर पूरी रात स्थानीय जन प्रतिनिधि विधायक उमाकांत शर्मा सहित जिला प्रशासन मौजूद रहा। मासूम 43 फीट गहराई में फंसा था। मासूम को सकुशल बाहर निकालने के लिए SDRF द्वारा टनल भी बनाए गए। जैसे-तैसे मासूम को बाहर निकाला गया। बोरवेल से बाहर निकालते ही मासूम को आनन-फानन में एंबुलेंस से लटेरी शासकीय अस्पताल ले जाया गया। जहां उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई थी। कुछ ही देर में डॉक्टरों ने लोकेश को मृत घोषित कर दिया।

बंदरों के पीछे भाग रहा था बच्चा : कलेक्टर

कलेक्टर ने बताया कि मंगलवार सुबह बोरवेल में बच्चे के गिरने की सूचना मिलते ही रेस्क्यू के लिए घटनास्थल पर बचाव एवं सुरक्षा के प्रबंध कर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया था। राहत दल में शामिल चिकित्सकों की टीम ने नाइट विजन कैमरे से बच्चे के स्वास्थ्य पर नजर रखी गई। देर रात तक बच्चे की सुरक्षा के लिए चार ऑक्सीजन सिलेंडर का उपयोग भी किया गया।

अनुविभागीय अधिकारी राजस्व लटेरी ने बताया है कि घटना मंगलवार सुबह 11 बजे की है। जब मासूम लोकेश अहिरवार बंदरों का पीछा करते हुए बोरवेल में गिर गया। तभी से तत्काल प्रशासन ने बचाव कार्य प्रारंभ कर दिया।

(इनपुट – मोहन शर्मा, लटेरी)

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