
न्यूयॉर्क। दुनिया के सबसे बड़े विमान पाथ फाइंडर 1 ने अपनी परीक्षण उड़ान शुरू कर दी है। चार सौ फीट (121.9 मीटर) लंबा यह विशालकाय विमान वर्तमान में दुनिया के सबसे लंबे हवाई जहाज बोइंग 747-8 क्वाडजेट के आकार से लगभग दोगुना बड़ा है। सितंबर माह में विशेष उड़ान योग्यता प्रमाणपत्र मिलने के बाद पाथफाइंडर 1 ने पालो आल्टो एयरफोर्ट के मॉफेट फील्ड तथा सैन फ्रांसिस्को की खाड़ी के कुछ हिस्से में पहले चरण की परीक्षण उड़ान पूरी की। भविष्य के परीक्षणों के तहत इस विमान को 1,500 फीट की ऊंचाई पर ले जाकर खाड़ी के पानी के ऊपर उड़ाया जाएगा।
कार्बन फुट प्रिंट में आएगी कमी
लंबवत उड़ान एवं 120 किमी/ घंटी की स्पीड हासिल करने के लिए यह विमान में लगभग 10 लाख घन फीट हीलियम तथा 12 इलेक्ट्रिक मोटर्स का इस्तेमाल करता है। इस विमान का निर्माण एलटीए रिसर्च कंपनी ने किया है, जोकि गूगल के सह संस्थापक सर्गी ब्रिन द्वारा समर्थित है। इस विमान से एयर ट्रेवल एवं माल परिवहन से होने वाले कार्बन फुट प्रिंट में कमी आएगी। इसके पहले वर्ष 1937 में हिंडनबर्ग नाम के 800 फीट के जहाज का निर्माण किया गया था, जोकि जलकर खाक हो गया था। यह विमान बोइंग 737 से तीन गुना ज्यादा बड़ा था। हिंडनबर्ग विमान में जहां अत्यधिक ज्वलनशील हाइड्रोजन गैस भरी गई थी वहीं पाथफाइंडर 1 में सुरक्षित, अक्रियाशील हीलियम गैस का भंडारण इसके 13 एयरबैग्स में किया जाता है।
एडवांस्ड लिडार टेक्नोलॉजी का किया जाएगा उपयोग
उपलब्धता में कमी आदि जैसी समस्याओं के कारण हीलियम कीमतों में उतार चढ़ाव होता रहता है। इसके मद्देनजर पाथफाइंडर 1 विमान की लागत दो करोड़ रुपए से लेकर 8 करोड़ रुपए तक आना संभावित है। इसमें लगे 13 रिप-स्टॉप नॉयलॉन बैग्स को अपनी जगह में स्थापित करने के लिए दस हजार कार्बन फाइबर के पोल तथा तीन हजार टाइटेनियम हब्स का उपयोग किया जाएगा। एलटीए रिसर्च का कहना है कि इसमें लगे गुब्बारों में भरी गैस के स्तर की सतत निगरानी के लिए एडवांस्ड लिडार टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया है।