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कांग्रेस में झूठ का पुलिंदा तैयार हो रहा, CM शिवराज बोले- कमलनाथ पर तरस आता है, अब उम्र हावी हो रही

भोपाल। मध्य प्रदेश में इस साल के आखिरी में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। वहीं प्रदेश में अभी से सियासत शुरू हो गई है। बुधवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस में अभी से झूठ पत्र बनाने की बैठक हो रही है। उन्होंने फिर कमलनाथ से एक सवाल पूछा है।

कांग्रेस दूसरे नए वचनों पर उतारू है : सीएम

बुधवार को पौधारोपण के पश्‍चात सीएम शिवराज ने मीडियाकर्मियों से चर्चा के दौरान कहा कि अभी झूठ पत्र बनाने की बैठक कांग्रेस लगातार कर रही है। कमलनाथ जी आते-जाते तो कम है, लेकिन कमरे में बैठकर खूब करते हैं। सीएम ने कहा- कांग्रेस रीति सदा चली आई, वचन जाए पर दंभ न जाई… फिर झूठ का पुलिंदा तैयार हो रहा है। पिछले वचन पूरा किया नहीं, कमलनाथ जी और कांग्रेस दूसरे नए वचनों पर उतारू है। लेकिन जनता कांग्रेस के छूट जानती है, इसलिए न तो कमलनाथ जी पर भरोसा है न कांग्रेस पर भरोसा है। उन्होंने अनेकों वचन दिए थे, उसमें से यह वचन भी था कि पिछड़ा वर्ग के छात्रों को शिक्षा के लिए आय सीमा 10 लाख रुपए तक बढ़ाई जाएगी। कह तो दिया लेकिन पूरा नहीं किया।

कमलनाथ को विधायकों की जरुरत नहीं : सीएम

सीएम शिवराज ने कमलनाथ पर तंज करते हुए कहा, मुझे तो कमलनाथ जी पर तरस आता है। कई बार लगता है उम्र अब हावी हो रही है। अब वो कहते हैं मुझे विधायकों की आवश्यकता नहीं, विधायक क्या होता है। लोकतंत्र में चुने हुए जनप्रतिनिधि की हैसियत भी संविधान में बताई गई है, और कांग्रेस की यह भी जानती है कि मुख्यमंत्री विधायक ही चुनते हैं। शायद पहले भी कहते थे कि मुझे जरुरत नहीं है तो लोग निकल कर आ गए अब फिर अभी से कह रहे हैं मुझे जरुरत नहीं है जाओ जहां जाना हो।

मामा और किसान नहीं हो सकते : सीएम

सीएम ने आगे कहा, अपने आप को कहलवाते हैं भावी मुख्यमंत्री, अवश्यंभावी सीएम और कहते हैं विधायकों की जरूरत ही नहीं है। अब कांग्रेस का भगवान ही मालिक है जिसका नेता कह रहा हो मुझे जरूरत ही नहीं है। यह उनका अहंकार भी है। पता नहीं क्या-क्या बोलते हैं कल शायद कहा न मैं चाय बैचने वाला हूं न मैं मामा हूं। मामा तो तुम हो ही नहीं सकते मामा तो वह होता है, जिसके दिल में बहनों और बेटियों के लिए इज्जत होती है।

तुम किसान हो नहीं सकते क्योंकि तुमने किसानों के वादे कभी पूरे नहीं किए कर्जमाफी का वादा करके मुकर गए। माटी की सौंधी सुगंध आज जानते नहीं हो। चाय वाला तो कोई गरीब ही हो सकता है। सोने की चम्मच मुंह में लेकर पैदा होकर कॉरपोरेट राजनीति करने वाले और मौका मिलते ही पूरे प्रदेश को लूटने वाले कैसे चाय वाले हो सकते हैं।

लाड़ली बहना के 54 लाख रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं : सीएम

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को संवाददाताओं से चर्चा के दौरान कहा कि बहन-बेटियों की जिंदगी बदलना उनका लगातार प्रयास रहता है। लाड़ली बहना योजना उसी दिशा में एक कदम है। उन्होंने कहा कि उन्हें लाड़ली बहनों का असीम प्यार मिल रहा है। योजना के तहत अब तक 54 लाख 17 हजार 429 रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। ऐसा आंकलन था कि योजना में लगभग महीना लग जाएगा पर 50 फीसदी पंजीकरण तो सात-आठ दिन में ही हो गए। उन्होंने कहा कि आज वे शहडोल जिले के ब्यौहारी में पेसा अधिनियम के बारे में भी बात करेंगे। प्रदेश में 268 ग्राम सभाओं ने पेसा नियम के तहत स्वयं तेंदूपत्ता तोड़ना-सुखाना शुरु कर दिया है।

प्रदेश में 45 प्रतिशत स्टार्टअप बेटियों के हैं : सीएम

आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के निर्माण में प्रदेश की बहनें भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। सीएम ने कहा, मुझे बताते हुए खुशी है कि प्रदेश में 45 प्रतिशत स्टार्टअप बेटियों के हैं। फूड, एग्रीकल्चर, टेक्नॉलोजी, रिन्यूएबल एनर्जी समेत विभिन्न क्षेत्रों में बेटियों की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकल फॉर वोकल अभियान को भी महिलाएं सफल बनाने में लगातार जुटी हैं।

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