
पुष्पेन्द्र सिंह भोपाल। देश में सबसे पहले मध्यप्रदेश में इथेनॉल प्लांट लगाने के लिए सरकार ने सुविधाओं का पिटारा खोला था। कैबिनेट ने निर्णय लिया था कि इथेनॉल के नाम पर निवेश करने पर पांच साल तक मुफ़्त बिजली और 60 करोड़ रुपए तक की सब्सिडी मिलेगी। देश में इथेनॉल पॉलिसी बनाने में भी मप्र आगे रहा। बावजूद, देश के 11 राज्यों में शुरू हुए 20 फीसदी इथेनॉल मिक्स वाले पेट्रोल की बिक्री केंद्रों में मध्यप्रदेश को स्थान नहीं मिला है। पहले चरण में 15 शहरों के 84 पेट्रोल पंपों को लिया गया है। ये राज्य दिल्ली, बिहार, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पंजाब, दमन दीव व दादरा और नगर हवेली हैं। इसके पहले केंद्र सरकार ने इथेनॉल प्लांट लगाने के लिए टेंडर भी जारी किए थे। लेकिन निवेशकों ने रुचि कम दिखाई।
कैबिनेट ने यह लिया फैसला
सितंबर 2021 के दूसरे सप्ताह में कैबिनेट ने इथेनॉल को बढ़ावा देने के लिए बड़ा निर्णय लिया था कि इथेनॉल उत्पादन यूनिट के लिए अगर 100 करोड़ निवेश होता है तो 7 साल में करीब 60 करोड़ सरकार सब्सिडी के तौर पर देगी। प्रदेश में फिलहाल चावल और मक्का से इथेनॉल बनाया जाएगा जो 51 से 54 प्रति लीटर तक पेट्रोलियम कंपनियों को दिया जाएगा।
यह भी लिए गए थे फैसले
राज्य सरकार 2024 तक प्रदेश में 60 करोड़ लीटर इथेनॉल का उत्पादन चाहती है। इसलिए इथेनॉल एवं जैवं ईधन के उत्पादन के प्रोत्साहन के लिए वित्तीय सहायता योजना जारी किया। इसके तहत भूमि खरीदी करने पर स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क की 100 प्रतिशत वापसी होगी। उत्पादन प्रारंभ करने के दिन से अगले 5 साल के लिए बिजली बिल में 100 प्रतिशत छूट मिलेगी। गुणवत्ता प्रमाणन प्रतिपूर्ति गुणवत्ता प्रमाणन लागत का 50 प्रतिशत या 1 लाख रुपए जो भी कम हो, दिया जाएगा। 100%पेटेंट शुल्क की प्रतिपूर्ति 5 लाख रुपए तक की सीमा तक की जाएगी। जीरो लिक्विड डिस्चार्ज सुविधा के लिए इक्विपमेंट पर 50%अनुदान, जो 1 करोड़ रु. की अधिकतम सीमा तक होगा, वो भी दिया जाएगा। नीति के क्रियान्वयन के लिए एमपीआईडीसी, भोपाल को नोडल एजेंसी बनाया गया।
वरिष्ठ अधिकारियों का रिस्पॉन्स नहीं
इथेनॉल प्लांट के लिए बनाए गए नोडल एमपीआईडीसी के प्रबंध संचालक मनीष सिंह से कई बार संपर्क किया गया, एसएमएस और वॉट्सऐप पर भी जानकारी चाही गई। प्रमुख सचिव उद्योग को भी वॉट्सऐप पर संदेश दिया गया। बावजूद दोनों ही वरिष्ठ अफसरों द्वारा रिस्पॉन्स नहीं दिया गया।
बालाघाट में जनवरी तक प्रारंभ करना था
बालाघाट जिले की वारासिवनी तहसील अंतर्गत औद्योगिक क्षेत्र खापा में प्रदेश का पहला इथेनॉल प्लांट लगाए जाने की पहल हुई। दावा किया गया कि माह जनवरी 2023 से उत्पादन प्रारंभ हो जाएगा। प्लांट की लागत 165 करोड़ बताई गई है और इससे 130 केएल क्षमता के ग्रेन बेस इथेनॉल उत्पादन होना है। प्लांट विसाग बायो फ्यूल्स द्वारा लगाया जा रहा है। प्लांट की स्थापना से 350 लोगों को प्रत्यक्ष तथा 800 से अधिक लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। इसे 28 एकड़ क्षेत्र में बनाया जा रहा है। प्लांट को संचालित करने के लिए राइस मिलों से निकलने वाली धान की भूसी व बायोमास से तैयार बिजली का उपयोग किया जाना है। एक और इथेनॉल प्लांट इंदौर में लगाया जाना है।
प्लांट फाइनल स्टेज पर है
बालाघाट के खापा में इथेनॉल प्लांट फाइनल स्टेज पर है। फिलहाल उत्पादन शुरू होने की जानकारी नहीं है। अपडेट लेने के बाद ही कोई जानकारी दी जा सकेगी। डॉ.गिरीश कुमार मिश्रा, कलेक्टर, बालाघाट