भोपालमध्य प्रदेश

व्यापमं के व्हिसल ब्लोअर आनंद राय को सुप्रीम कोर्ट से राहत, कोर्ट ने दी जमानत; दो महीने से जेल में थे

सुप्रीम कोर्ट ने व्यापमं घोटाले के व्हिसल ब्लोअर डॉ. आनंद राय को बड़ी राहत देते हुए जमानत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, ट्रायल कोर्ट जमानत की शर्तें तय करेगा। कोर्ट ने कहा जिस अदालत में मुकदमा चल रहा है जमानत की शर्तें भी वहीं से तय होंगी। उन पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत आरोप थे। वे 15 नवंबर से जेल में बंद थे।

MP हाईकोर्ट से नहीं मिली थी राहत

CJI जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने रिहाई के लिए जमानत शर्त तय करने के लिए मध्य प्रदेश की निचली अदालत को कहा है। कोर्ट ने कहा जिस अदालत में मुकदमा चल रहा है जमानत की शर्तें भी वहीं से तय होंगी।

दरअसल, व्यापमं घोटाले के व्हिस्ल ब्लोअर डॉ. आनंद राय की जमानत याचिका को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बैंच ने 12 दिसंबर को जमानत देने से इनकार कर दिया था।

आनंद राय का आपराधिक इतिहास रहा है…

मध्य प्रदेश सरकार ने कोर्ट से जमानत याचिका खारिज करने की मांग की थी। सरकार ने कहा कि, अपराध की गंभीरता और बड़े पैमाने पर समाज पर इसके बड़े प्रभाव को देखते हुए जमानत ना दी जाए।  आनंद राय का सरकारी रिकॉर्ड्स के मुताबिक भी आपराधिक इतिहास रहा है। वो न्याय की प्रक्रिया से भाग सकते हैं।

याचिकाकर्ता ने कहा- मेरे खिलाफ साजिश की गई…

डॉ. आनंद राय ने अपनी जमानत याचिका में कहा था कि, उनके खिलाफ साजिश रचकर उन्हें प्रताड़ित किया गया है। उनके खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत कोई स्पष्ट आरोप नहीं है। इसके बाद भी राजनीतिक द्वेष की वजह से यह एफआईआर दर्ज हुई और गिरफ्तार किया गया।

याचिका में कहा गया कि, उन्होंने घोटाला उजागर कर इन लोगों के गठजोड़ को बेनकाब किया था। आरोप लगाया कि, सरकार और अधिकारी व्यापमं घोटाले को उजागर करने का बदला ले रहे हैं और झूठा केस दर्ज किया गया है।

दावा किया गया कि, याचिकाकर्ता राय कानून का पालन करने वाला नागरिक है। उन्हें कभी किसी अदालत ने दोषी नहीं ठहराया है। यानी उनका पिछला रिकॉर्ड बेदाग है।

एससी/एसटी एक्ट मामले में हुए थे गिरफ्तार

स्पेशल ड्यूटी ऑफिसर लक्ष्मण सिंह मरकाम की शिकायत पर डॉ. राय के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने डॉ. राय और कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा पर फेसबुक से कंटेंट में हेरफेर करने का आरोप लगाया था। मरकाम ने शिकायत में कहा, “उन्होंने एससी/एसटी समुदाय के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया और उन्हें बदनाम करने के लिए सार्वजनिक मंच पर पोस्ट कर दिया।”

राय को मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में अनुसूचित जाति जनजाति प्रताड़ना निरोधक कानून के तहत मुकदमा दर्ज कर पिछले साल 15 नवंबर 2022 को गिरफ्तार किया गया था। तब से वो जेल में ही हैं।

व्यापमं घोटाले में राय का आरोप

व्हिसल ब्लोअर डॉ. आनंद राय ने फेसबुक पर MPTET पेपर लीक का एक वीडियो वायरल किया था और स्क्रीन शॉट में लक्ष्मण सिंह का नाम दिख रहा था। इस स्क्रीन शॉट को सोशल मीडिया पर शेयर कर व्हिसल ब्लोअर डॉ. आनंद राय ने सवाल किया था कि ये लक्ष्मण सिंह कौन हैं ? वहीं आनंद राय और कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने सीएम के ओएसडी पर सार्वजनिक आरोप लगाए थे।

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पेपर का स्क्रीन शॉट किया था वायरल

कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा और डॉ. राय ने शिक्षा पात्रता परीक्षा 3 का पेपर लीक होने का गंभीर आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर स्क्रीन शॉट शेयर किया था। इसके साथ ही आरोप लगाया था कि पेपर लीक होकर ओएसडी मरकाम के पास आंसर शीट सहित मौजूद था। इस संबंध में डॉ. राय ने सीबीआइ जांच की मांग की थी।

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