
ग्वालियर। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Uma Bharti) रविवार को ग्वालियर जिले की लाल पिटारा गौशाला पहुंची। उन्होंने गौशाला में गायों के बीच वक्त गुजारा। इतना ही नहीं गायों को दुलार कर उनको अपने हाथों से चारा भी खिलाया।
इस दौरान लाल टिपारा गौशाला को लेकर उमा भारती बोलीं- ये प्रदेश की वास्तविक ‘आदर्श गौशाला’ है। इसे भारत की सर्वोच्च व्यवस्था वाली गोशाला कहूं तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। यहां रानी महारानी की तरह गाय की सेवा होती है। यह गौशाला सरकार और समाज के साथ संतों का मिलाजुला प्रयास है। पूर्व सीएम ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि मधुशाला छोड़ो गौशाला की ओर बढ़ो…। शराब छोड़ो और देसी गाय का दूध पियो, स्वस्थ रहो… प्रसन्न रहो।
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— Peoples Samachar (@psamachar1) January 8, 2023
ये प्रबंधन समिति की असफलता है :उमा भरती
मध्य प्रदेश में गौशालाओं के ठीक प्रबंधन नहीं होने पर उमा भारती ने जताई नाराजगी। कहा, गौशालाओं की असफलता के पीछे प्रबंधन समिति की असफलता है। यदि गाय को धन कमाने का साधन बना लिया तो गाय की दुर्दशा ही होगी। उन्होंने कहा कि सीएम शिवराज सिंह चौहान को कई बार सलाह दे चुकी हूं कि गौशाला को तब तक स्वीकृत मत करो जब तक यह सुनिश्चित न हो जाए कि वह चल भी पाएगी या नहीं।
उमा भारती बोलीं- इमरजेंसी को याद कर ले
उमा भारती ने गाय को लेकर कांग्रेस के आरोपों पर तंज कसते हुए कहा- कांग्रेस को अपनी हिस्ट्री नहीं भूलनी चाहिए। पूर्व सीएम ने कहा कि जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थी तब उन्होंने संतों पर गोलियां चलवाई थीं, जिसमें सैकड़ों संत मारे गए थे। गौ हत्या पर रोक लगाने के लिए जनसंघ कार्यकर्ता और साधु संत भी गए थे, जिनकी हत्या की गई। इसलिए कांग्रेस जब भी लोकतंत्र की बात करें तो इमरजेंसी को याद कर ले….। गाय की बात करें तो इंदिरा जी के वक्त चलाई गई गोलियों को याद कर ले।
3 बड़े माफियाओं ने उत्तराखंड को बर्बाद कर दिया
पूर्व सीएम उमा भारती यही नहीं रुकीं उन्होंने जोशीमठ आपदा मामले पर भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि माफिया जोशीमठ सहित पूरे उत्तराखंड को बर्बाद कर रहा है। देश में 3 बड़े माफिया इसके दोषी है, जिनमें शराब माफिया, खनन माफिया और पावर जनरेशन माफिया शामिल है। हिमालय के पहाड़ लाखों साल पुराने कच्चे पहाड़ है। जोशीमठ के नीचे सुरंग बना ली है। उन्होंने कहा कि जब मैं मंत्री थी तब एफिडेविट दे चुकी हूं कि उत्तराखंड में गंगा और उसकी सहायक नदियों पर पावर प्रोजेक्ट न लगाया जाए। यदि लगाए जा रहे हैं तो छोटे-छोटे पावर प्रोजेक्ट लगाया जाए।
लेकिन, देश के 3 माफियाओं ने उत्तराखंड को बर्बाद कर दिया। पर्यावरणविदों को मैनेज करके स्वीकृति ले ली जाती है। इसका ही परिणाम बनी है जोशीमठ की घटना। उमा भारती बोली- मैं खुद जोशीमठ जा रही हूं। वह आदि शंकराचार्य जी की तपस्थली है। इसलिए हम जोशीमठ को नष्ट नहीं होने देंगे, इसलिए मैं वहां जा रही हूं।
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