
अमरकंटक। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विद्यालय के हॉस्टल में पुलिस के घुसने को लेकर हंगामा हो गया। यहां छात्रों ने पुलिस टीम को बंधक बना लिया। बाद में पुलिस के माफी मांगने पर उन्हें छोड़ा गया। मामला छात्रों के बीच मारपीट और झगड़े से जुड़ा है।
25 नवंबर को दर्ज हुआ था केस
पुलिस के मुताबिक 25 नवंबर को गुरु गोविंद बालक छात्रावास में सोन बाबू तिवारी ने उज्जवल मिश्रा के खिलाफ मारपीट और जान से मारने की धमकी की शिकायत अमरकंटक थाने में दर्ज कराई थी। पुलिस ने आईपीसी की धारा 294, 323, 506 बी के तहत मामला दर्ज किया था। इसी मामले को लेकर सोमवार को पुलिस छात्र से पूछताछ करने के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के हॉस्टल पहुंच गई। हॉस्टल के दूसरे छात्रों ने जब पुलिस को देखा तो उन्हें घेर लिया। छात्रों का आरोप था कि पुलिस विश्वविद्यालय प्रबंधन की अनुमति के बिना हॉस्टल आई है। इसी को लेकर छात्रों और पुलिस टीम के बीच बहस हो गई तो छात्रों ने टीम को बंधक बना लिया।
भविष्य में अनुमति लेकर आएंगे : एसआई
बिना अनुमति विश्वविद्यालय में प्रवेश का मुद्दा तूल पकड़ने के बाद पुलिस ने लिखित माफीनामा दिया। इसके बाद छात्रों ने पुलिस को विश्वविद्यालय के गेट से बाहर जाने दिया। पुलिस दल के साथ आए सब इंस्पेक्टर बीएल गौलिया ने इसे अपनी भूल माना और आश्वासन दिया कि, भविष्य में विश्वविद्यालय प्रबंधन से अनुमति लेकर ही आएंगे। टीआई अमरकंटक मनोज दीक्षित ने बताया कि ऐसा कोई बड़ा मामला नहीं है। मैँ खुद इसे देख रहा हूं।
क्या यूनिवर्सिटी में प्रवेश से पहले इजाजत जरूरी
कानून के जानकारों का कहना है कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जो किसी पुलिस अधिकारी को गिरफ्तारी के लिए यूनिवर्सिटी या कॉलेज में जाने से रोके। सीआरपीसी की धारा 41 किसी भी पुलिसकर्मी को बिना किसी मजिस्ट्रेट या किसी वारंट के गिरफ्तारी का अधिकार देता है। यानी, पुलिस को गिरफ्तारी के लिए किसी यूनिवर्सिटी, कॉलेज या शिक्षण संस्थान में प्रवेश के लिए किसी से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है।