
दिल्ली में मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास तीन मंजिला कॉमर्शियल बिल्डिंग में शुक्रवार शाम आग लग गई। आग इतनी तेजी से फैली की पूरी बिल्डिंग इसकी चपेट में आई और सबकुछ जलकर खाक हो गया। इस हादसे में 27 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में दमकल विभाग के दो कर्मचारी भी शामिल हैं। वहीं अभी भी कई लोग लापता बताए जा रहे हैं, उनकी तलाश जारी है।
कैसे लगी आग?
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि आग इमारत की पहली मंजिल से शुरू हुई। जहां पर सीसीटीवी कैमरों और राउटर निर्माण कंपनी का कार्यालय है। माना जा रहा है कि, आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार शाम करीब 4.45 बजे मुंडका के तीन मंजिला व्यवसायिक इमारत में आग लगने की जानकारी मिली। इस इमारत में कई कंपनियों के कार्यालय हैं। आग लगने के दौरान इन कार्यालय में काफी लोग मौजूद थे।
इस इमारत की फायर NOC नहीं थी। पुलिस ने इमारत के मालिक हरीश गोयल, वरुण गोयल को हिरासत में ले लिया है।
घबराहट में इमारत से कूद गए लोग
दमकल कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर खिड़कियां तोड़ी और बिल्डिंग के अंदर फंसे लोगों को बचाया। लोगों को JCB मशीन और क्रेन के सहारे नीचे उतारा गया, वहीं कुछ लोग रस्सी की मदद से नीचे आए। दिल्ली फायर सर्विस के डिप्टी चीफ फायर ऑफिसर सुनील चौधरी ने बताया कि कुछ लोग बिल्डिंग से कूद गए, जिससे वो घायल हो गए।
पीएम मोदी ने जताया दुख
प्रधानमंत्री मोदी ने हादसे पर दुख जताया है और PM रिलीफ फंड से मृतकों के परिजन को 2-2 लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए की मदद का ऐलान किया है।
हादसे वाले दिन मिली थी पहली सैलरी
अपनी बहन की तलाश में संजय गांधी अस्पताल पहुंचे अजीत तिवारी ने बताया कि घटना के बाद से मोनिका लापता है। मैं अपनी बहन की तलाश में आया हूं। उसने पिछले महीने सीसीटीवी कैमरा पैकेजिंग यूनिट में काम करना शुरू किया था और हादसे वाले दिन ही उसे पहली सैलरी मिली थी। अब वो कहां हैं, पता नहीं…
इसलिए हो गया बड़ा हादसा
स्थानीय लोगों ने बताया कि बिल्डिंग में जगह कम थी और ज्यादा लोग काम कर रहे थे। ऐसे में जब आग भड़की तो अफरा-तफरी मच गई, जिसकी वजह से लोग हादसे के शिकार हो गए।