
चीन में कोरोना की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है। देश के दो सबसे बड़े शहरों में सोमवार को कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्रतिबंध और कड़े कर दिए गए। घरों में कैद लाखों लोगों को सामान की डिलीवरी लेने से भी रोक दिया गया। जिसकी वजह से लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। वहीं अब चीन की कोरोना के खिलाफ जीरो कोविड पॉलिसी पर भी सवाल उठने लगे हैं।
शंघाई में डेढ़ माह से लॉकडाउन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शंघाई में पिछले 6 हफ्तों से लॉकडाउन लगा हुआ है। यहां संक्रमण को रोकने के लिए कड़े प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। शंघाई के 16 जिलों में से चार में लोगों को सप्ताह के आखिर में नोटिस दिया गया है कि वे अपने घरों से बाहर नहीं जा सकते। वे सामान की डिलीवरी भी नहीं ले सकते हैं। इससे पहले आवासीय क्षेत्र में घूमने की छूट थी।
पाबंदियों का विरोध तेज
शंघाई में नए प्रतिबंधों का विरोध तेज होता जा रहा है। एक रहवासी कोको वांग का कहना है कि यह जेल की तरह है। हमें कोरोना वायरस से नहीं, नीतियों से डर लगता है। उधर, बीजिंग में भी अब तक के सबसे कड़े प्रतिबंधों का ऐलान किया गया है। दक्षिण-पश्चिम बीजिंग में लोगों को घरों से बाहर निकलने से रोक दिया गया है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट को भी बंद कर दिया गया है। लोगों से वर्क फ्रॉम होम के लिए कहा गया है। कई इमारतों और पार्क को भी सील किया गया है।
ये भी पढ़ें- Sri lanka Crisis: श्रीलंका में गहराया संकट… भीड़ से डरकर सांसद ने किया सुसाइड, मंत्रियों-नेताओं के घरों पर हमले-आगजनी
चीन की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा असर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन के कड़े प्रतिबंधों का असर उसकी अर्थव्यवस्था पर भी पड़ने लगा है। सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, चीन की निर्यात वृद्धि लगभग दो वर्षों में सबसे कमजोर स्थिति में पहुंच गई है। इतना ही नहीं चीन के अन्य बिजनेस पर भी कोरोना का असर पड़ा है।