
नई दिल्ली। अगर आपने अपनी कार की विंडस्क्रीन पर फास्टैग ठीक से नहीं लगाया है, तो अब संभल जाइए। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने साफ कर दिया है कि ऐसे लापरवाह वाहन चालकों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। जो लोग गाड़ी की विंडस्क्रीन पर फास्टैग नहीं लगाते हैं और टोल प्लाजा पर हाथ (टैग-इन-हैंड) में लेकर दिखाते हैं, ऐसे फास्टैग यूजर्स को ब्लैक लिस्ट करने के लिए एनएचएआई बड़ा अभियान चलाने जा रहा है।
आखिर यह फैसला क्यों लिया गया
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) का कहना है कि कुछ लोग कार का फास्टैग ट्रक और अन्य बड़े वाहन में चलाने की कोशिश करते हैं। साथ ही कई वाहन चालक जानबूझकर फास्टैग को गाड़ी पर नहीं लगाते, तब इससे टोल प्लाजा पर लंबी लाइनें लग जाती हैं, गलत भुगतान रिकॉर्ड होते हैं और बंद सिस्टम में टैग का दुरुपयोग होता है। इसका असर बाकी यात्रियों पर भी पड़ता है, जिससे उन्हें बेवजह देरी और असुविधा झेलनी पड़ती है लेकिन अब से जिस भी गाड़ी पर फास्टैग नहीं लगा होगा, उस फास्टैग को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा।
यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि 15 अगस्त से देश में वार्षिक टोल पास सिस्टम लागू होने वाला है। साथ ही मल्टी-लेन फ्री फ्लो (एमएलएफएफ) टोलिंग जैसा सिस्टम भी आने वाला है। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि सभी गाड़ियों पर फास्टैग ठीक से सही जगह लगाया जाए। ताकि उसे स्कैन करने में भी कोई परेशानी ना आए।
टैग-इन-हैंड वाले होंगे ब्लैक लिस्ट
एनएचएआई का कहना है कि देश से टैग-इन-हैंड सिस्टम को खत्म करने के लिए एनएचएआई के तमाम टोल प्लाजा पर ऐसे फास्टैग को ब्लैक लिस्ट करने के लिए एक स्पेशल ड्राइव चलाई जा रही है। इसके तहत जिस भी टोल प्लाजा से ऐसी गाड़ी वाले गुजरेंगे, उन टोल प्लाजा कर्मियों की यह ड्यूटी है कि ऐसे फास्टैग की डिटेल नोट कर एनएचएआई को ई-मेल करेंगी। इसके बाद इन्हें ब्लैक लिस्ट करा जाएगा।
क्या होता है फास्टैग
फास्टैग वाहन के विंडस्क्रीन पर लगाया जाने वाला एक टैग है जो भारत सरकार द्वारा वसूले जाने वाले सड़क टोल टैक्स का नकद रहित भुगतान करने में मदद करता है। जैसे ही वाहन टोल गेट से गुजरता है, गेट के ऊपर लगा स्कैनर रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन तकनीक की मदद से फास्टटैग की पहचान कर लेता है। फास्टैग से जुड़े खाते से पैसा डेबिट करके भुगतान किया जाता है।