अंतर्राष्ट्रीयताजा खबर

बांग्लादेश में हिंदू समर्थक अर्थशास्त्री अबुल बरकत गिरफ्तार, 225 करोड़ के घोटाले का आरोप; 2046 तक देश में हिंदुओं के खत्म हो जाने की दी थी चेतावनी

बांग्लादेश के मशहूर अर्थशास्त्री और हिंदू अल्पसंख्यकों के पैरोकार अबुल बरकत को भ्रष्टाचार के एक मामले में शुक्रवार को जेल भेज दिया गया। अबुल बरकत ढाका विश्वविद्यालय में चार दशकों तक प्रोफेसर रह चुके हैं और 2009 में उन्हें प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार ने जनता बैंक का चेयरमैन नियुक्त किया था। वे लंबे समय से जमात-ए-इस्लामी जैसी कट्टरपंथी ताकतों की आलोचना करते आए हैं और धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की खुलकर वकालत करते रहे हैं।

बिना वारंट दिखाए घर से उठाया गया

ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार देर रात 20 से ज्यादा पुलिसकर्मी अबुल बरकट के घर पहुंचे और उन्हें हिरासत में ले लिया। उनकी बेटी अरुणी बरकत ने बताया कि पुलिसकर्मियों ने कोई वारंट नहीं दिखाया और रात में ही उनके बेडरूम से उन्हें जबरन ले जाया गया। परिजनों को न तो उनके खिलाफ दर्ज मामले की जानकारी दी गई और न ही यह बताया गया कि उन्हें किस आरोप में हिरासत में लिया जा रहा है।

225 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप

अबुल बरकट पर जनता बैंक के चेयरमैन रहते हुए लगभग 225 करोड़ रुपए (2.97 अरब टका) के घोटाले का आरोप है। आरोप है कि उन्होंने रेडीमेड गारमेंट कंपनी एनॉनटेक्स ग्रुप को अवैध तरीके से कर्ज दिलवाया। भ्रष्टाचार निरोधक आयोग (ACC) का कहना है कि बरकट ने फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए, काल्पनिक फैक्ट्रियों के नाम पर लोन पास करवाया और जमीन की कीमतें बढ़ा-चढ़ाकर दिखाईं, जिससे अधिक लोन स्वीकृत हो सके।

इस मामले में अबुल बरकट समेत कुल 23 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें बांग्लादेश बैंक के पूर्व गवर्नर अतीउर रहमान का नाम भी शामिल है। कोर्ट में पेशी के दौरान एसीसी ने तीन दिन की रिमांड मांगी, जबकि बरकट के वकीलों ने जमानत की मांग की। कोर्ट ने फिलहाल कोई फैसला नहीं सुनाया है और बरकट को जेल भेजने का आदेश दिया है।

हिंदुओं के पलायन पर दी थी चेतावनी

अबुल बरकट ने 2016 में दावा किया था कि अगर बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले और संपत्तियों पर कब्जे जारी रहे, तो 2046 तक देश में एक भी हिंदू नहीं बचेगा। उन्होंने अपनी किताब ‘पॉलिटिकल इकोनॉमी ऑफ रिफॉर्मिंग एग्रीकल्चर लैंड-वाटर बॉडीज इन बांग्लादेश’ में लिखा था कि 1964 से 2013 के बीच करीब 1.13 करोड़ हिंदू धार्मिक उत्पीड़न के चलते बांग्लादेश छोड़ चुके हैं।

बरकट ने बताया था कि हर दिन औसतन 632 हिंदू बांग्लादेश से पलायन कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि सरकार ने ‘शत्रु संपत्ति’ कानून का दुरुपयोग कर 60% हिंदुओं की जमीनें छीन ली हैं।

अंतरराष्ट्रीय सम्मान भी मिला

अबुल बरकट को जापान सरकार ने 2022 में ऑर्डर ऑफ द राइजिंग सन से सम्मानित किया था। वे हमेशा समाज के वंचित और अल्पसंख्यक तबकों के लिए आवाज उठाते रहे हैं। उनकी गिरफ्तारी को लेकर बांग्लादेश के नागरिक समाज और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बहस छिड़ सकती है।

 

संबंधित खबरें...

Back to top button