
टेक्नोलॉजी डेस्क। दुनिया की सबसे तेज इंटरनेट स्पीड का नया कीर्तिमान जापान ने स्थापित कर दिया है। जापान के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशंस टेक्नोलॉजी (NICT) ने 1.02 पेटाबिट्स प्रति सेकंड (PBps) यानी लगभग 10.20 लाख गीगाबिट्स प्रति सेकंड (Gbps) की अविश्वसनीय स्पीड के साथ नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। यह स्पीड इतनी जबरदस्त है कि इससे नेटफ्लिक्स की पूरी लाइब्रेरी या करीब 10,000 4K मूवीज को महज एक सेकंड में डाउनलोड किया जा सकता है।
पुराना रिकॉर्ड भी जापान के नाम, अब दोगुनी से ज्यादा स्पीड
इससे पहले मार्च 2024 में जापान ने ही 402 टेराबिट्स प्रति सेकंड की स्पीड हासिल की थी, जो अब पीछे छूट गई है। इस बार 1.02 पेटाबिट्स प्रति सेकंड की स्पीड हासिल करके जापानी वैज्ञानिकों ने इंटरनेट स्पीड के क्षेत्र में एक नई क्रांति की ओर कदम बढ़ाया है।
19-कोर ऑप्टिकल फाइबर टेक्नोलॉजी ने किया कमाल
इस रिकॉर्ड को पाने के लिए रिसर्चर्स ने एक विशेष 19-कोर ऑप्टिकल फाइबर का इस्तेमाल किया है। सामान्य तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली फाइबर केबल में एक कोर होता है, जो डेटा को एक ही लाइन में ट्रांसमिट करता है, लेकिन इस नए सिस्टम में एक केबल में 19 अलग-अलग कोर हैं – ठीक वैसे ही जैसे एक हाईवे पर 19 लेन हों, जिनमें एक साथ अलग-अलग गाड़ियां दौड़ सकें।
इस ऑप्टिकल सिस्टम ने डेटा को 1,808 किलोमीटर की दूरी तक भेजा, वो भी बिना स्पीड में गिरावट के। इसमें खास तरह के एम्प्लिफायर्स का भी इस्तेमाल किया गया जो सिग्नल को दूर तक मजबूती से भेजने में मदद करते हैं।
कितनी तेज है ये स्पीड?
- भारत की औसत इंटरनेट स्पीड: 63.55 Mbps
- अमेरिका की औसत स्पीड: ~290 Mbps
- नई जापानी स्पीड: 10,20,000 Gbps
- यह भारत की औसत स्पीड से 1.6 करोड़ गुना और अमेरिकी स्पीड से 35 लाख गुना तेज है।
क्या हो सकता है इस स्पीड से?
- इस अद्भुत इंटरनेट स्पीड से तकनीकी दुनिया में बड़ा बदलाव आने की संभावना है।
- 150GB का गेम महज 3 मिलीसेकंड में डाउनलोड
- विकिपीडिया की पूरी लाइब्रेरी का 10,000 बार बैकअप एक सेकंड में
- 1 करोड़ 8K वीडियो एक साथ स्ट्रीम किए जा सकते हैं
- रियल-टाइम ट्रांसलेशन, ऑटोनोमस व्हीकल्स और जेनेरेटिव एआई में क्रांतिकारी सुधार
आम लोगों को अभी करना होगा इंतजार
फिलहाल यह इंटरनेट स्पीड लैब में टेस्ट की गई है और आम उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध नहीं है। इसके व्यावसायिक रूप से लागू होने में कुछ प्रमुख चुनौतियां हैं:
- उच्च लागत : इस सिस्टम को बड़े पैमाने पर लागू करना महंगा होगा।
- हार्डवेयर सीमाएं : वर्तमान राउटर और डिवाइसेज इतनी स्पीड को संभालने में सक्षम नहीं हैं।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत : स्टैंडर्ड फाइबर केबल्स को अपग्रेड करना होगा।
6G और अंडरसी केबल्स की दिशा में एक कदम
NICT की यह उपलब्धि न केवल वर्तमान इंटरनेट तकनीक को तेज करने की दिशा में मील का पत्थर है, बल्कि 6G नेटवर्क और हाई-कैपेसिटी अंडरसी केबल्स के विकास के लिए भी नींव साबित होगी। इस स्पीड से क्लाउड कंप्यूटिंग, एआई प्रोसेसिंग और डेटा शेयरिंग की दुनिया पूरी तरह बदल सकती है।