
भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। इन फैसलों का सीधा लाभ राज्य के किसानों, बिजली उपभोक्ताओं और ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं एवं बच्चों को मिलेगा। सरकार ने किसानों के लिए एकमुश्त समझौता योजना को मंजूरी दी है, जिससे लाखों किसानों को आर्थिक राहत मिलेगी। वहीं, बिजली वितरण की गुणवत्ता सुधारने के लिए 49,263 नए पदों को स्वीकृति दी गई है। इसके अलावा महिला और बाल विकास के तहत 66 नए आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना और संचालन के लिए 143.46 करोड़ रुपए का बजट भी स्वीकृत किया गया।
किसानों के लिए राहत
कैबिनेट की सबसे बड़ी घोषणाओं में से एक ‘एकमुश्त समझौता योजना’ है, जिसके तहत जल संसाधन विभाग के अंतर्गत कृषि सिंचाई जलकर की राशि पर लगे ब्याज और दंड को माफ कर दिया गया है। इस योजना का लाभ करीब 35 लाख किसानों को मिलेगा। सरकार 84.17 करोड़ रुपए की इस राशि को वहन करेगी। किसानों को केवल मूल राशि चुकानी होगी और इसके लिए उन्हें मार्च 2026 तक का समय दिया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य किसानों को पुराने कर्ज के बोझ से मुक्त करना और उन्हें भविष्य में नए कृषि ऋण के लिए पात्र बनाना है। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर होने और कृषि उत्पादन में वृद्धि की उम्मीद है।
बिजली वितरण प्रणाली को मिलेगा बल
कैबिनेट में बिजली वितरण व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए एक और बड़ा निर्णय लिया गया। राज्य की बिजली वितरण कंपनी में 49,263 नए पदों के सृजन को मंजूरी दी गई है। इन पदों के जरिए बिजली वितरण की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी, व्यवस्थित और उपभोक्ता हितैषी बनाया जाएगा। इससे मेन पावर की कमी भी दूर होगी। दरअसल, बिजली उत्पादन और प्रसारण के बाद वितरण ही वह प्रोसेस है जो सीधे उपभोक्ताओं को प्रभावित करता है। इन नए पदों के सृजन से बिजली वितरण की गुणवत्ता और विश्वसनीयता में सुधार होगा।
66 नए आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना
मध्यप्रदेश सरकार ने धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत 66 नए आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना को मंजूरी दी है। इसके साथ ही इन केंद्रों के लिए जरूरी पदों जैसे- आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और सुपरवाइजर को भी स्वीकृति दी गई है।
सरकार ने इन केंद्रों के निर्माण और संचालन के लिए कुल 143.46 करोड़ रुपए के बजट को मंजूरी दी है, जिसमें केंद्र सरकार का हिस्सा 72.78 करोड़ रुपए और राज्य सरकार का हिस्सा 70.68 करोड़ रुपए होगा। इससे महिलाओं और बच्चों को पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त होंगी, विशेषकर आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों में।
कैबिनेट ते अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
- होटल लेक व्यू रेसिडेंसी को पीपीपी मोड में सौंपने का निर्णय: राजधानी भोपाल के प्रमुख होटल लेक व्यू रेसिडेंसी को डिजाइन, निर्माण, संचालन और हस्तांतरण के आधार पर पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मोड में देने का निर्णय लिया गया है। इससे होटल का आधुनिकीकरण और संचालन अधिक प्रभावी ढंग से किया जा सकेगा। लीज रजिस्ट्रेशन और स्टाम्प ड्यूटी की प्रतिपूर्ति विभागीय बजट से की जाएगी।
- भारतीय स्टाम्प अधिनियम में संशोधन: भारतीय स्टाम्प अधिनियम 1899 के अनुच्छेद 1-क के तहत ‘भारतीय स्टाम्प विधेयक 2025’ को भी कैबिनेट की मंजूरी मिली है। यह विधेयक राज्य में स्टाम्प शुल्क प्रावधानों में जरूरी संशोधन लाएगा।
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