
जबलपुर। मध्य प्रदेश में जारी भारी बारिश के चलते बरगी बांध का जलस्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है। मंगलवार 8 जुलाई की शाम रानी अवंति बाई लोधी सागर परियोजना प्रशासन ने एक बार फिर 4 और गेट खोलते हुए कुल 17 गेटों से 2 लाख 92 हजार 514 क्यूसेक पानी नर्मदा नदी में छोड़ा। यह इस मानसून सीजन में अब तक की सबसे बड़ी जलनिकासी है।
3 दिन में तीसरी बार खुले गेट
- मंडला, डिंडौरी और जबलपुर अंचल में लगातार हो रही बारिश के कारण बरगी बांध में पानी की आवक बनी हुई है।
- रविवार 6 जुलाई को दोपहर 12 बजे पहली बार 9 गेट खोले गए थे।
- सोमवार को 4 और गेट खोले गए।
- अब मंगलवार शाम 6 बजे एक बार फिर 4 और गेट खोल दिए गए।
- अब कुल 17 गेटों से पानी छोड़ा जा रहा है।
- बरगी बांध का जलस्तर 419.50 मीटर तक पहुंच चुका है।
नर्मदा घाटी में जलस्तर बढ़ा, पुल बंद
जलनिकासी की मात्रा बढ़ने से नर्मदा के निचले इलाकों में जलस्तर 8 से 10 फीट तक बढ़ गया है। बरगी नगर को गौर-बरेला रोड से जोड़ने वाला मुख्य पुल पानी में डूब गया, जिससे उसे बंद कर दिया गया है। पुल के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं। एहतियातन पुलिस ने पुल पर बैरिकेडिंग कर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत कर दी है।
बांध से निकल रहा 2.92 लाख क्यूसेक पानी
कार्यपालन यंत्री राजेश सिंह के अनुसार, बांध से निकल रहे 2.92 लाख क्यूसेक पानी को नियंत्रित करने के लिए सभी 17 गेटों को औसतन 3.82 मीटर की ऊंचाई तक खोला गया है। कैचमेंट एरिया में भारी बारिश जारी है, जिससे बांध में पानी की आवक 2.84 लाख क्यूसेक पर बनी हुई है।
प्रशासन ने की घाटों से दूर रहने की अपील
बांध से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण प्रशासन ने नर्मदा नदी के आसपास के गांवों, घाटों और तटों पर लोगों से सुरक्षित दूरी बनाए रखने की अपील की है। पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें तैनात हैं और लगातार निगरानी रखी जा रही है।
गौरतलब है कि मानसून की शुरुआत के साथ ही जल संसाधन विभाग ने बरगी डैम के कैचमेंट क्षेत्र में जलभराव बढ़ने की आशंका जताई थी और संबंधित विभागों को पहले से सतर्क रहने के निर्देश दिए गए थे। इसके बावजूद लगातार बढ़ती जलराशि से डैम का प्रबंधन चुनौतीपूर्ण हो गया है।