
Nag Panchami 2025। हिंदू धर्म में नाग पंचमी का विशेष महत्व है। यह पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष नाग पंचमी 29 जुलाई 2025 (मंगलवार) को मनाई जाएगी। यह दिन सर्पों की पूजा और उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने का पर्व है।
नाग पंचमी पूजा मुहूर्त – 05:41 AM से 08:23 AM
अवधि – 02 घण्टे 43 मिनट्स
पंचमी तिथि प्रारम्भ – 28 जुलाई, 2025 को 11:24 PM बजे
पंचमी तिथि समाप्त – 30 जुलाई, 2025 को 12:46 AM बजे
शास्त्रों में वर्णित है नागों का महत्व
नाग पंचमी का उल्लेख भगवत पुराण, महाभारत, स्कंद पुराण और गरुड़ पुराण में मिलता है। स्कंद पुराण के अनुसार, इस दिन नागों की पूजा करने से भय, रोग और अकाल मृत्यु से मुक्ति मिलती है। इस दिन विशेष रूप से शेषनाग, वासुकी, तक्षक, कर्कोटक, पद्म और महापद्म नाग की पूजा की जाती है।
नाग पंचमी से जुड़ी प्रमुख कथाएं
महाभारत की कथा
जब पांडव खांडव वन में महल बनाना चाहते थे, तब वहां आग लगाई गई। इस आग में हजारों सर्प जल गए। इसके बाद एक सर्प ने बदला लेने की कोशिश की थी।
जन्मेजय और आस्तिक की कथा
राजा परीक्षित के पुत्र जन्मेजय ने नागों से बदला लेने के लिए एक यज्ञ कराया जिसमें सारे नाग जलने लगे। तभी ऋषि आस्तिक ने यज्ञ को रोककर नागों की रक्षा की। उस दिन पंचमी थी, जिसे नाग पंचमी कहा गया।
समुद्र मंथन में वासुकी नाग
देवताओं और असुरों ने समुद्र मंथन के लिए वासुकी नाग को रस्सी बनाया। वासुकी ने समुद्र मंथन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
गरुड़ पुराण के अनुसार नाग पूजा से मिलती है पितरों की शांति
गरुड़ पुराण में कहा गया है कि नागों की पूजा से वंश वृद्धि और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। नागों को कुंडलिनी शक्ति का प्रतीक भी माना जाता है, जो आत्मिक जागरण से जुड़ी होती है।
नाग पंचमी और प्रकृति का संबंध
नागों को सिर्फ धार्मिक रूप से नहीं, बल्कि प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने वाले जीव के रूप में भी देखा जाता है। ये खेतों में कीड़े‑मकोड़ों को खाकर किसानों की फसल की रक्षा करते हैं। इसलिए इन्हें किसानों का मित्र कहा गया है।
काल सर्प दोष से मुक्ति के उपाय
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में काल सर्प दोष है, तो नाग पंचमी के दिन ये उपाय करने से लाभ मिल सकता है-
- नाग-नागिन के जोड़े को सपेरों से लेकर जंगल में मुक्त करें।
- नागों को दूध पिलाएं।
- घर की दीवार पर लकड़ी के कोयले से नाग बनाकर उसकी पूजा करें।
- मान्यता है कि पूर्व जन्म में नागों को कष्ट देने से काल सर्प दोष लगता है।
नागों की पूजा से छिपा है एक गहरा संदेश
नागों की पूजा यह भी बताती है कि तीखे और कठोर बोलने वाले लोग भी हमारे हितैषी हो सकते हैं। साथ ही यह पर्व हमें प्रकृति के हर जीव के साथ सामंजस्य में रहने की सीख देता है।