
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में एक बार फिर नक्सली हिंसा का खौफनाक चेहरा सामने आया है। उसूर थाना क्षेत्र के पेरमपल्ली गांव में हथियारबंद नक्सलियों ने एक युवक को घर से अगवा किया और धारदार हथियार से बेरहमी से उसकी हत्या कर दी। वारदात के बाद नक्सली शव गांव के बाहर फेंककर जंगल की ओर भाग गए। मृतक की पहचान अब तक नहीं हो सकी है।
15 दिन में 6 हत्याएं, 2 छात्र भी शामिल
बीजापुर जिले में बीते 15 दिनों में नक्सलियों ने मुखबिरी के शक में 6 लोगों की हत्या कर दी है। इनमें 4 ग्रामीण और 2 छात्र शामिल हैं। नक्सली अब स्कूली और कॉलेज के छात्रों को भी नहीं बख्श रहे। स्थानीय लोगों का कहना है कि नक्सलियों का यह हमला पुलिस कार्रवाई से बौखलाहट का नतीजा है।
17 जून को 3 लोगों को मार डाला था
17 जून 2025 को पेद्दाकोरमा गांव में नक्सलियों ने तीन लोगों की हत्या की थी। मारे गए लोगों में एक 13 वर्षीय छात्र अनिल माड़वी, 20 वर्षीय कॉलेज छात्र सोमा मोड़ियम और एक अन्य ग्रामीण शामिल था। नक्सलियों ने गांव के 10 से ज्यादा युवकों को अगवा किया और पिटाई के बाद कुछ को छोड़ दिया था।
सरेंडर नक्सली के रिश्तेदार थे टारगेट
सूत्रों के मुताबिक मारे गए सभी लोग सरेंडर कर चुके नक्सली दिनेश मोड़ियम के रिश्तेदार थे। नक्सलियों का आरोप था कि इन लोगों ने ही दिनेश को सरेंडर करने के लिए उकसाया और उससे पैसे लिए। इसी वजह से उन्हें मौत की सजा दी गई।
22 जून को दो और हत्याएं
इसके बाद 22 जून को पामेड़ थाना क्षेत्र में नक्सलियों ने समैय्या और वेको देवा की हत्या कर दी। समैय्या पहले नक्सली था, जिसने हाल ही में आत्मसमर्पण किया था। वहीं वेको देवा एक ग्रामीण था। दोनों को पुलिस का मुखबिर बताकर मार डाला गया।
25 साल में 1821 हत्याएं
छत्तीसगढ़ में नक्सली हिंसा का ग्राफ लगातार डराने वाला रहा है। राज्य गठन के बाद बीते 25 वर्षों में नक्सलियों ने कुल 1821 लोगों की हत्या की है। इनमें आम नागरिकों के साथ जनप्रतिनिधि भी शामिल हैं। सबसे ज्यादा हत्या बीजापुर जिले में दर्ज की गई है।