
भोपाल। ऐशबाग रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण में गंभीर तकनीकी खामी और लापरवाही सामने आने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई करते हुए लोक निर्माण विभाग के 8 इंजीनियरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। इन अफसरों में दो चीफ इंजीनियर और पांच अन्य इंजीनियर शामिल हैं, जबकि एक सेवानिवृत्त सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर के खिलाफ विभागीय जांच की घोषणा की गई है।
मुख्यमंत्री ने एक्स पर दी जानकारी
शनिवार रात मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि ऐशबाग आरओबी निर्माण में सामने आई लापरवाही पर मैंने संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए थे। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि आरओबी के त्रुटिपूर्ण डिजाइन को लेकर निर्माण एजेंसी और डिजाइन कंसल्टेंट को भी ब्लैकलिस्ट किया गया है।
ब्रिज को किया जाएगा रिडिजाइन
एनएचएआई द्वारा कराई गई जांच में सामने आया है कि आरओबी का डिजाइन 90 डिग्री एंगल वाला है, जिससे उस पर 35-40 किमी/घंटा से अधिक स्पीड में वाहन चलाने पर हादसे की आशंका है। सरकार ने इस ब्रिज को रिडिजाइन करने का निर्णय लिया है। इसके लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाई गई है जो आवश्यक सुधार करेगी। सीएम ने स्पष्ट किया है कि जब तक सभी तकनीकी खामियां दूर नहीं हो जातीं, तब तक ब्रिज का लोकार्पण नहीं होगा।
एक साल से चल रहा है प्रोजेक्ट में विलंब
ऐशबाग आरओबी का निर्माण 21 मई 2022 को शुरू हुआ था और इसे अगस्त 2024 तक पूरा किया जाना था। लेकिन अब तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है। जून 2025 तक भी इसका काम अधूरा है, जिससे यह लगभग एक साल लेट हो चुका है। 17 करोड़ 37 लाख की लागत से बन रहा यह ब्रिज अब तकनीकी खामियों के कारण और अधिक देरी का शिकार हो सकता है।
अपर मुख्य सचिव, लोक निर्माण विभाग नीरज मंडलोई ने बताया कि जिन अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है, उनके खिलाफ सोमवार को आरोप तय किए जाएंगे। यह भी तय किया जाएगा कि इस लापरवाही में किसकी क्या भूमिका रही और आगे क्या अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।\
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