
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले के एक बयान ने देश की राजनीति में नया बवंडर खड़ा कर दिया है। संविधान की प्रस्तावना से ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द हटाने की वकालत करने पर विपक्ष खासतौर से कांग्रेस हमलावर हो गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस पर तीखा पलटवार करते हुए कहा कि ‘RSS और BJP को संविधान नहीं, मनुस्मृति चाहिए।’
क्या कहा था दत्तात्रेय होसबाले ने?
दिल्ली में 26 जून को ‘आपातकाल के 50 साल’ पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए दत्तात्रेय होसबाले ने कहा, “1976 में आपातकाल के दौरान संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों को जबरन जोड़ा गया था। ये शब्द कृत्रिम हैं और उन्हें हटाने की जरूरत है। इस विषय पर गंभीर बहस होनी चाहिए।”
राहुल गांधी का तीखा जवाब
होसबाले के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राहुल गांधी ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा- “RSS का नकाब फिर उतर गया। संविधान इन्हें चुभता है, क्योंकि वह समानता, धर्मनिरपेक्षता और न्याय की बात करता है। RSS-BJP को संविधान नहीं, मनुस्मृति चाहिए। ये लोग बहुजनों और गरीबों से उनके अधिकार छीनकर उन्हें दोबारा गुलाम बनाना चाहते हैं।”
राहुल ने कहा कि संविधान जैसा ताकतवर हथियार इनका असली निशाना है, लेकिन देश के हर देशभक्त नागरिक को आखिरी दम तक इसकी रक्षा करनी होगी।
आपातकाल में जोड़ा गया था ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ शब्द
भारत के संविधान की मूल प्रस्तावना में ये दो शब्द नहीं थे। 1976 में 42वें संशोधन के जरिए आपातकाल के दौरान इन्हें जोड़ा गया था। इस समय देश में इंदिरा गांधी की सरकार थी और 21 महीनों तक आपातकाल लागू रहा था। BJP इस दिन को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में याद करती है।
होसबाले बोले- इमरजेंसी में हुई थी संविधान की हत्या
अपने भाषण में होसबाले ने कहा- “इमरजेंसी के दौरान संसद और न्यायपालिका काम नहीं कर रही थीं। एक लाख से ज्यादा लोगों को जेल में डाला गया, पत्रकारों को कैद किया गया और 60 लाख लोगों की जबरन नसबंदी की गई। ये संविधान की हत्या थी। इसके लिए पूर्वजों के नाम पर माफी मांगनी चाहिए।”
चंद्रशेखर आजाद का समर्थन में बयान
आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद ने कहा कि संविधान सभी नागरिकों का संरक्षण कवच है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि बाबा साहब अंबेडकर ने खुद कहा था कि अगर लागू करने वालों की नीयत साफ हो, तो यह संविधान दुनिया का सर्वश्रेष्ठ दस्तावेज है।