
उमरिया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के घने जंगलों में एक दुर्लभ और निशाचर प्रजाति की सिवेट कैट देखी गई है। इस दुर्लभ जीव को एक फोटोग्राफर ने देर रात अपने कैमरे में कैद किया, जो न केवल इस प्रजाति की उपस्थिति का प्रमाण है, बल्कि रिजर्व की समृद्ध जैव विविधता का प्रतीक भी माना जा रहा है।
क्या है सिवेट कैट? क्यों है यह खास?
सिवेट कैट, बिल्ली के आकार का एक शर्मीला और निशाचर जीव है, जो मुख्य रूप से घने और शांत जंगलों में ही दिखाई देता है। यह जीव अपने शरीर से निकलने वाले एक खास सुगंधित द्रव के लिए जाना जाता है, जिसका उपयोग इत्र निर्माण में होता है।
इसके अलावा यह “कोपी लुवाक” कॉफी से भी जुड़ा है, जो दुनिया की सबसे महंगी कॉफियों में गिनी जाती है। दरअसल, सिवेट कैट कॉफी बीज खाती है और उसके पाचन तंत्र से गुजरकर निकले बीज से यह विशेष कॉफी तैयार की जाती है।
बांधवगढ़ में सिवेट कैट की मौजूदगी क्यों है महत्वपूर्ण?
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर पी.के. वर्मा ने कहा कि, बांधवगढ़ बाघों के लिए मशहूर रहा है, लेकिन अब यहां की जैव विविधता में एक और अद्भुत जीव जुड़ गया है। सिवेट कैट की उपस्थिति दर्शाती है कि यह जंगल अब भी कई रहस्यों को समेटे हुए है।
वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि सिवेट कैट का देखा जाना एक स्वस्थ और संतुलित पारिस्थितिकी तंत्र (इकोसिस्टम) का संकेत है। यह इस बात का भी प्रमाण है कि बांधवगढ़ का जंगल अब भी दुर्लभ और संवेदनशील प्रजातियों के लिए एक सुरक्षित ठिकाना बना हुआ है।
पर्यटकों के लिए आकर्षण और रिसर्च के लिए अवसर
इस अनोखी खोज के बाद बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व अब न केवल बाघों और तेंदुओं के लिए, बल्कि दुर्लभ प्रजातियों के देखने के इच्छुक पर्यटकों और वैज्ञानिकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा। वन विभाग अब इस नई उपस्थिति को ध्यान में रखते हुए इस प्रजाति पर और अध्ययन करने की तैयारी कर रहा है।