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बिहार चुनाव से पहले पार्टी की कमान फिर लालू के हाथ, 13वीं बार बनेंगे आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, 5 जुलाई को होगी ताजपोशी

पटना। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के संस्थापक लालू प्रसाद यादव एक बार फिर से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने जा रहे हैं। सोमवार को उन्होंने पार्टी कार्यालय में नामांकन दाखिल किया और अब उनके 13वीं बार निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाने की औपचारिकता ही शेष है। पार्टी ने घोषणा की है कि उनकी ताजपोशी 5 जुलाई 2025 को की जाएगी।

राजनीतिक संदेशों से भरा यह चुनावी समय

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लालू का फिर से अध्यक्ष बनना राजनीतिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है। महागठबंधन में मतभेद, विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A की सुस्ती और पार्टी के अंदर नेतृत्व को लेकर स्पष्टता की जरूरत को देखते हुए, पार्टी ने एक बार फिर लालू को चेहरा बनाने का फैसला किया है।

तेजस्वी को आगे कर चुका है RJD, लेकिन भरोसा लालू पर ही

2020 के विधानसभा चुनाव में RJD ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाया था और पूरे चुनाव प्रचार की कमान तेजस्वी के हाथ में थी। उस चुनाव में पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन किया, लेकिन सरकार नहीं बना सकी। इसके बाद से ही आरजेडी नेतृत्व को लेकर कई सवाल उठे, पर अब पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि नीतिगत और संगठनात्मक नेतृत्व के लिए लालू ही सर्वोपरि रहेंगे।

बीमार होने के बावजूद पार्टी की कमान नहीं छोड़ी

हाल ही में 78वां जन्मदिन मना चुके लालू यादव की सेहत फिलहाल ठीक नहीं है और वे राजनीतिक गतिविधियों में सीमित रूप से सक्रिय हैं। बावजूद इसके, पार्टी ने यह जोखिम नहीं उठाया कि किसी और को राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जाए। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि पार्टी का कैडर और मतदाता वर्ग आज भी लालू यादव में ही भरोसा करता है।

राजद कार्यालय में नामांकन, पार्टी पदाधिकारी रहे मौजूद

सोमवार को लालू यादव ने पटना स्थित पार्टी कार्यालय पहुंचकर राष्ट्रीय निर्वाचन पदाधिकारी रामचंद्र पूर्वे के सामने अपना नामांकन दाखिल किया। नामांकन दाखिल करने के समय पार्टी के कई वरिष्ठ नेता, विधायक और पदाधिकारी मौजूद रहे।

क्या संदेश देना चाहती है आरजेडी?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि लालू यादव को फिर अध्यक्ष बनाना यह संकेत है कि महागठबंधन में अस्थिरता के दौर में RJD अनुभव पर दांव लगा रही है। तेजस्वी यादव का भविष्य उज्ज्वल जरूर है लेकिन लालू की राजनीतिक विरासत और कुशल रणनीतिक कौशल को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

अब सबकी निगाहें 5 जुलाई पर टिकी हैं, जब लालू यादव की औपचारिक ताजपोशी होगी। माना जा रहा है कि इस दिन बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर पार्टी अपने रोडमैप और गठबंधन की रणनीति को भी सार्वजनिक कर सकती है।

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