
नई दिल्ली। ईरान और इजराइल के बीच चल रहे संघर्ष के बीच भारत सरकार ने अपने नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए “ऑपरेशन सिंधु” की शुरुआत की है। इस विशेष निकासी अभियान के तहत अब तक 1713 भारतीयों को सुरक्षित भारत लाया जा चुका है।
ईरान से दिल्ली पहुंची 8वीं फ्लाइट
रविवार रात 11:10 बजे ईरान से एक चार्टर्ड फ्लाइट 285 भारतीय नागरिकों को लेकर दिल्ली पहुंची। ये सभी नागरिक ईरान के मशहद शहर से उड़ान भरकर भारत पहुंचे। दिल्ली एयरपोर्ट पर केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री पाबित्रा मार्गेरिटा ने इन नागरिकों का स्वागत किया और इस रेस्क्यू मिशन को सरकार की जिम्मेदारी बताया।
इजराइल से निकाले गए 162 भारतीय
इजराइल से जॉर्डन पहुंचे 162 भारतीय नागरिक जल्द ही दिल्ली लाए जाएंगे। युद्ध के हालात को देखते हुए भारत सरकार ने जॉर्डन के रास्ते इजराइल से भारतीयों को निकालना शुरू किया है। माना जा रहा है कि एक और जत्था जल्द जॉर्डन पहुंचेगा।
मिशन सिंधु के तहत अब तक क्या हुआ?
- अब तक 8 फ्लाइट्स के जरिए ईरान से नागरिकों की वापसी हो चुकी है।
- 23 जून की रात 285 भारतीय दिल्ली पहुंचे।
- 21 जून को 600, 20 जून को 407 और 19 जून को 110 भारतीय निकाले गए।
- ईरान ने एयरस्पेस खोला, जिससे निकासी संभव हो सकी।
- चार्टर्ड फ्लाइट्स में मेडिकल सुविधा और काउंसलिंग की व्यवस्था भी की गई।
कहां-कहां से निकाले जा रहे हैं भारतीय?
भारत सरकार ने ईरान के मशहद, अर्मेनिया की राजधानी येरेवन, और तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अश्गाबात से भी निकासी शुरू कर दी है। चार्टर्ड फ्लाइट्स के जरिए इन शहरों से नागरिकों को भारत लाया जा रहा है।
स्वदेश लौटे भारतीयों ने क्या कहा ?
तहमीना – “हमारी दुआ थी कि सुरक्षित लौटें, और सरकार ने वो मुमकिन किया।”
मार्शल – “जो महसूस हो रहा है, वो शब्दों में नहीं कहा जा सकता।”
अलमास रिजवी (प्रयागराज) – “हमें अच्छे होटल में ठहराया गया, समय पर खाना मिला, ऐसा नहीं लगा कि हम युद्ध में हैं।”
सैयद निहाल हैदर – “वहां फंसा हुआ महसूस कर रहे थे, अब शांति है।”
सैयद मंसूर – “भारत मां की जमीन पर सजदा किया, आभार व्यक्त करता हूं।”
हालात बिगड़ने की आशंका
रविवार को अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर बमबारी के बाद तनाव और बढ़ गया है। इस स्थिति को देखते हुए भारत सरकार ने मिशन सिंधु को और तेज कर दिया है। आने वाले 2-3 दिनों में ईरान से तीन और फ्लाइट्स भेजे जाने की योजना है।
विदेश मंत्रालय, भारतीय दूतावास और नागरिक उड्डयन मंत्रालय मिलकर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई भी भारतीय नागरिक खतरे में न रहे। भारत सरकार की यह पहल न केवल एक जिम्मेदार राष्ट्र की पहचान है, बल्कि यह दुनिया को दिखाता है कि भारत अपने नागरिकों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाता है।