
छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के तरौद गांव में डायरिया का कहर छाया हुआ है। गांव में अब तक 30 से ज्यादा लोग उल्टी-दस्त की चपेट में आ चुके हैं, जबकि 40 वर्षीय लोक कलाकार मोहित निषाद की मौत हो गई है। गांव में शोक का माहौल है और प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं।
इलाज के दौरान डॉक्टर की टिप्पणी से भड़के ग्रामीण
डायरिया के इलाज के लिए गांव में स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक शिविर लगाया गया, लेकिन वहां मौजूद मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMHO) डॉ. महेश सूर्यवंशी की टिप्पणी ने माहौल बिगाड़ दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि जब मोहित के चाचा बिट्ठल निषाद इलाज के लिए पहुंचे तो डॉक्टर ने उन्हें ORS देते हुए कहा, “इसे शराब के साथ न पिएं”। इस टिप्पणी को ग्रामीणों ने मजाक और अपमान के तौर पर लिया, जिससे शिविर में हंगामा हो गया।
गांव में गंदा पानी बना बीमारी की वजह
तरौद के सरपंच धर्मेंद्र रामटेके ने बताया कि गांव में 20 साल पुरानी पाइपलाइन से पानी की सप्लाई होती है, जिसमें लीकेज की आशंका है। इसी गंदे पानी के कारण गांव में बीमारी फैल रही है। एहतियातन उस वार्ड में बोरवेल के पानी के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है और PHE विभाग जांच कर रहा है।
कलाकार मोहित की अचानक तबीयत बिगड़ी, शाम तक मौत
मृतक मोहित निषाद के परिजनों ने बताया कि उसे शुक्रवार सुबह से उल्टी हो रही थी। दोपहर तक अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन शाम 5 बजे उसकी मौत हो गई। मोहित गांव का एक लोक कलाकार था और तबला-नाल बजाने में निपुण था। उसका अंतिम संस्कार शनिवार को किया गया।
ग्रामीणों की शिकायत- महीनों से गंदा पानी, सुनवाई नहीं हुई
ग्रामीण महेंद्र दास मानिकपुरी ने बताया कि एक महीने से नल के पानी में कीड़े आ रहे थे। बार-बार शिकायत करने के बावजूद प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया। अब जब एक की जान गई, तब प्रशासन सक्रिय हुआ है। गुरुवार से ही लोग अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं।
अस्पतालों में भर्ती मरीजों की सूची
बालोद जिला अस्पताल में चार गंभीर मरीजों का इलाज चल रहा है, जिनमें गैंदी बाई (55), मास्टर यश कुमार (10), नवीन साहू (27) और शंकरलाल ठाकुर (70) शामिल हैं। इसके अलावा गांव के कई अन्य मरीज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और निजी अस्पतालों में भर्ती हैं।
CMHO की सफाई- मजाक नहीं, सिर्फ साधारण सलाह दी थी
डॉ. महेश सूर्यवंशी ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने नशे में दिख रहे बुजुर्ग को सिर्फ ORS और शराब साथ न लेने की सलाह दी थी, ताकि उल्टी न बढ़े। यह सामान्य सलाह थी, जिसे ग्रामीणों ने गलत समझ लिया। फिलहाल सभी मरीजों का इलाज जारी है।
सरकार से ग्रामीणों की मांग – जल्द ठीक हो पेयजल व्यवस्था
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि गांव में साफ पानी की सप्लाई जल्द बहाल की जाए और स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत की जाएं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।