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International Yoga Day : PM मोदी ने विशाखापट्टनम में किया योग, बोले- तनाव से गुजर रही दुनिया के लिए योग एक पॉज बटन

नई दिल्ली/विशाखापट्टनम। 21 जून 2025 को दुनियाभर में 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस बड़े उत्साह और भव्यता के साथ मनाया गया। भारत में इस साल का मुख्य कार्यक्रम आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में आयोजित हुआ, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब 3 लाख लोगों और 40 देशों के राजनयिकों के साथ सामूहिक योग किया। कार्यक्रम की थीम रही- “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग”।

योग ने जोड़ा है पूरी दुनिया को : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि योग का मतलब है ‘जोड़ना’ और यह देखकर सुखद है कि योग ने न केवल भारत को बल्कि पूरी दुनिया को एक सूत्र में बांध दिया है। उन्होंने याद दिलाया कि, जब भारत ने 2014 में संयुक्त राष्ट्र में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित करने का प्रस्ताव रखा था, तब 177 देशों ने भारत का समर्थन किया था जो आज की दुनिया में एक असाधारण एकजुटता का उदाहरण है।

तनावपूर्ण दुनिया में योग बना शांति का माध्यम

पीएम मोदी ने कहा, “आज की दुनिया अनेक संकटों और तनावों से जूझ रही है। कई क्षेत्रों में अस्थिरता और हिंसा का माहौल है। ऐसे में योग एक ‘पॉज बटन’ की तरह काम करता है, जो हमें रुकने, सांस लेने और स्वयं को संतुलित करने का अवसर देता है।”

उन्होंने यह भी कहा कि, जब कोई व्यक्ति अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर समाज और मानवता की भलाई के लिए सोचता है, तो वहीं से सच्ची सेवा और समर्पण की शुरुआत होती है।

योग आज करोड़ों लोगों की दिनचर्या का हिस्सा

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आज मुझे गर्व होता है जब मैं देखता हूं कि दिव्यांग साथी ब्रेल में योग शास्त्र पढ़ते हैं, वैज्ञानिक अंतरिक्ष में योग करते हैं, और गांव-गांव के युवा योग ओलंपियाड में भाग लेते हैं। यह सब इस बात का प्रमाण है कि योग सभी का है और सभी के लिए है।”

उन्होंने बताया कि नौसेना के जहाजों से लेकर हिमालय की चोटियों और विदेशी मंचों तक योग ने अपने प्रभाव की छाप छोड़ी है।

विज्ञान और अनुसंधान के साथ जुड़ रहा योग

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत अब योग को केवल पारंपरिक अभ्यास नहीं बल्कि प्रमाण आधारित चिकित्सा पद्धति के रूप में विकसित कर रहा है। दिल्ली AIIMS जैसे संस्थानों ने योग पर विज्ञान आधारित रिसर्च शुरू की है और इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं।

उन्होंने ‘हील इन इंडिया’ के मंत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत वैश्विक चिकित्सा पर्यटन का हब बनता जा रहा है, और इसमें योग की भूमिका महत्वपूर्ण है।

योग: ‘मी’ से ‘वी’ की यात्रा

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में एक अहम संदेश दिया- “योग को व्यक्तिगत अभ्यास तक सीमित न रखें। इसे ग्लोबल पार्टनरशिप और जन-जन की नीति बनाएं। जब जनता किसी संकल्प को थाम लेती है, तो उसे कोई ताकत नहीं रोक सकती।”

191 देशों में कार्यक्रम

इस बार योग दिवस को लेकर इंडियन काउंसिल फॉर कल्चर रिलेशन्स (ICCR) के अनुसार, 191 देशों में 1,300 से ज्यादा स्थानों पर 2,000 से अधिक योग कार्यक्रम आयोजित किए गए। भारत में एक लाख से ज्यादा स्थानों पर सुबह 6:30 से 7:45 बजे तक ‘कॉमन योग प्रोटोकॉल’ के अनुसार सामूहिक योग सत्र आयोजित हुए, जिनमें 2 करोड़ से अधिक लोगों की भागीदारी देखी गई।

आंध्र प्रदेश ने बनाया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड

विशाखापट्टनम में हुए मुख्य आयोजन में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने पीएम मोदी के साथ योग किया। इसी आयोजन के तहत 50 लाख से अधिक योग प्रमाणपत्र वितरित किए गए और राज्य सरकार ने ‘योग आंध्र’ अभियान की शुरुआत की, जिसका लक्ष्य है कि 10 लाख लोगों की रोजाना योग करने वाली कम्युनिटी तैयार की जाए।

योग दिवस की शुरुआत कैसे हुई?

27 सितंबर 2014: पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा।

11 दिसंबर 2014: संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया।

21 जून 2015: पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस दुनिया भर में मनाया गया।

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