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पहलगाम हमला बिना आतंकी फंडिंग के मुमकिन नहीं… FATF का बड़ा बयान, पाकिस्तान की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

नई दिल्ली। आतंकी फंडिंग पर निगरानी रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने सोमवार को कहा कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला फाइनेंशियल सपोर्ट के बिना संभव नहीं था। FATF के मुताबिक, ऐसे हमले सिर्फ हथियारों और बारूद से नहीं, बल्कि उनके पीछे एक बड़ा आर्थिक नेटवर्क होता है।

FATF का यह बयान उस हमले के 55 दिन बाद आया है, जिसमें एक नेपाली नागरिक समेत 26 पर्यटकों की मौत हुई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। संगठन ने साफ तौर पर कहा कि आतंकी हमले वैश्विक डर फैलाने, निर्दोषों को मारने और राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने के लिए होते हैं, जिनमें सुनियोजित आर्थिक समर्थन शामिल होता है।

पाकिस्तान की भूमिका फिर घेरे में

FATF का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब भारत ने पाकिस्तान पर लगातार आतंकवाद को समर्थन देने और आतंकी फंडिंग नेटवर्क के जरिए हथियारों की खरीद में योगदान देने का आरोप दोहराया है। सूत्रों के अनुसार, भारत एक विस्तृत डोजियर तैयार कर रहा है, जिसे वह FATF की आगामी बैठकों में प्रस्तुत करेगा। इसमें पाकिस्तान द्वारा FATF के नियमों का उल्लंघन, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी संगठनों को आर्थिक मदद देने के ठोस सबूत शामिल होंगे।

FATF की अगली बैठकें 25 अगस्त को

FATF की क्षेत्रीय इकाई एशिया-पैसिफिक ग्रुप (APG) की बैठक 25 अगस्त को होगी, जबकि FATF की वर्किंग ग्रुप बैठक 20 अक्टूबर को प्रस्तावित है। इन्हीं बैठकों में भारत पाकिस्तान को फिर से ग्रे लिस्ट में डालने की मांग कर सकता है। FATF की तीन वार्षिक बैठकों में से यह सबसे अहम मानी जा रही है, क्योंकि अगर पाकिस्तान दोबारा ग्रे लिस्ट में जाता है तो उसे आर्थिक मदद पाने में गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।

2018 में ग्रे लिस्ट में गया, 2022 में हटा था नाम

पाकिस्तान को FATF ने 2018 में ग्रे लिस्ट में डाला था। इसके बाद पाकिस्तान ने एक्शन प्लान बनाकर आतंकवाद और मनी लॉन्ड्रिंग पर रोक लगाने का वादा किया। इसके आधार पर 2022 में उसे ग्रे लिस्ट से हटा दिया गया था। लेकिन अब भारत का दावा है कि पाकिस्तान एक बार फिर उन्हीं गतिविधियों में लिप्त है, जो FATF के नियमों के विरुद्ध हैं।

भारत ने IMF के बेलआउट पैकेज पर भी जताई आपत्ति

भारत सरकार ने IMF द्वारा पाकिस्तान को 9 मई को दिए गए 2.4 बिलियन डॉलर के बेलआउट पैकेज का भी विरोध किया था। भारत का तर्क था कि यह फंडिंग अप्रत्यक्ष रूप से आतंकी फंडिंग में मददगार साबित हो सकती है। इसके बाद IMF ने पाकिस्तान के लिए 11 नई शर्तें लागू की हैं, जिनमें संसद से बजट को मंजूरी दिलाना, बिजली बिलों पर उच्च डेब्ट सर्विसिंग सरचार्ज और पुरानी इस्तेमाल की गई कारों पर से प्रतिबंध हटाना शामिल हैं।

 

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