
अहमदाबाद। एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के भीषण हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस त्रासदी में 241 लोगों की जान चली गई। सैकड़ों परिवारों के सपने अधूरे रह गए और मातम की लहर चारों ओर फैल गई। अहमदाबाद से लंदन जा रही यह फ्लाइट जब बीजे मेडिकल कॉलेज परिसर पर क्रैश हुई, तब किसी को अंदाजा नहीं था कि यह उड़ान, इनसानियत की सबसे दर्दनाक कहानियों में बदल जाएगी।
बेटे से मिलने जा रही थीं कैलाश बेन
दयानी कैलाश बेन घनश्यामभाई अपने बेटे से मिलने के लिए इस फ्लाइट में सवार हुई थीं। बेटे से मिलकर गले लगने की इच्छा, बातें करने की चाह और सुकून भरा मिलन, ये सब ख्वाब अब अधूरे रह गए। हादसे में उनकी मौत हो गई और यह खबर मिलते ही उनके परिवार में मातम पसर गया।
फ्लाइट से किया था आखिरी वीडियो कॉल
कैलाश बेन के देवर सुरेश बेन ने पीपुल्स अपडेट से बातचीत में बताया कि फ्लाइट में बैठने के बाद उन्होंने परिवार को वीडियो कॉल किया था। उन्होंने बताया, “भाभी ने कहा कि वो ठीक हैं, बस उड़ान भरने वाली है।”
लेकिन कुछ ही देर में क्रैश की खबर आई और परिवार की दुनिया उजड़ गई।
डीएनए जांच का इंतजार
परिवार को अब अपने प्रियजन की अंतिम झलक पाने के लिए डीएनए मिलान की पुष्टि का इंतजार है। सुरेश बेन कहते हैं, “अब बस यही चाहते हैं कि डीएनए जल्दी से मैच हो और हमें उनकी बॉडी मिल जाए, ताकि उन्हें अंतिम विदाई दे सकें।”
सूरत में अंतिम संस्कार की इच्छा
कैलाशबेन के एक और देवर भरत बेन ने प्रशासन के सामने आधार कार्ड और जरूरी दस्तावेज पेश किए हैं। उन्होंने गुहार लगाई है कि शव जल्द से जल्द सौंपा जाए। उनका कहना है कि शव को सूरत ले जाकर अंतिम संस्कार करना चाहते हैं, ताकि आत्मा को शांति मिल सके।
कैलाशबेन की अचानक हुई मौत ने दयानी परिवार को पूरी तरह तोड़ दिया है। घर के हर कोने में उनकी यादें बसी हैं। परिवार कहता है, “अब सिर्फ इंतज़ार है, आंसू हैं और यादें हैं।”
(अहमदाबाद से जितेंद्र शर्मा की रिपोर्ट)