
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस एक बार फिर चिंता का कारण बनता जा रहा है। हाल के दिनों में कोविड मामलों में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार शनिवार को 378 नए केस मिले, जिससे एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 6,133 हो गई है। सबसे अधिक मामले केरल से सामने आ रहे हैं, जबकि गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र और कर्नाटक में भी केस बढ़ रहे हैं।
पिछले 9 दिन में 3400 से अधिक नए केस
30 मई तक देश में एक्टिव केस 2,710 थे, लेकिन 9 दिन में इनकी संख्या बढ़कर 6,133 पहुंच गई है। इस दौरान 58 लोगों की मौत भी हुई है। औसतन रोजाना करीब 400 नए केस और 5-6 मौतें हो रही हैं।
शनिवार को हुई 6 मौतों में 3 केरल, 2 कर्नाटक और 1 तमिलनाडु से थीं। सभी मृतक पुरुष थे और उनकी उम्र 42 से 92 वर्ष के बीच थी। इससे पता चलता है कि बुजुर्ग और पहले से बीमार लोग अभी भी ज्यादा जोखिम में हैं।
केरल में सबसे ज्यादा एक्टिव केस
केरल में फिलहाल 1,950 एक्टिव मरीज हैं। राज्य सरकार ने कोविड और इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण वाले मरीजों के लिए कोविड टेस्ट अनिवार्य कर दिया है। सभी अस्पतालों में मास्क लगाना ज़रूरी कर दिया गया है।
गुजरात सरकार सतर्क
गुजरात में एक्टिव मामलों की संख्या 822 है। स्वास्थ्य मंत्री रुशिकेश पटेल ने कहा कि सरकार पूरी तरह तैयार है। अस्पतालों में ICU, वेंटिलेटर और बेड की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।
दिल्ली में 665 एक्टिव केस
राजधानी दिल्ली में भी कोरोना केस बढ़ रहे हैं। फिलहाल 665 एक्टिव केस हैं और इस साल अब तक 7 मौतें हो चुकी हैं। केंद्र ने सभी राज्यों को अलर्ट पर रहने और जरूरी इंतजाम सुनिश्चित करने को कहा है।
अन्य राज्यों में क्या स्थिति है?
कर्नाटक: गुलबर्गा में 25 बेड का कोविड वार्ड चालू किया गया है। शनिवार को राज्य में दो मौतें दर्ज की गईं।
तमिलनाडु: एक मरीज की मौत हुई, जिसकी उम्र 42 वर्ष थी।
उत्तराखंड: अस्पतालों में ऑक्सीजन और जरूरी दवाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
सिक्किम: अब तक 526 सैंपल में से 15 पॉजिटिव आए। सभी अस्पतालों में मास्क और सैनिटाइजर जरूरी कर दिया गया है।
हिमाचल: नाहन में पहला केस सामने आने के बाद सभी अस्पतालों में मास्क अनिवार्य कर दिया गया है।
देश में मिले कोरोना के 4 नए वैरिएंट
ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल के अनुसार, देश में चार नए वैरिएंट सामने आए हैं –
- LF.7
- XFG
- JN.1 (भारत में सबसे कॉमन)
- NB.1.8.1 (तेजी से फैलने वाला, वैक्सीन इम्युनिटी को भी चकमा दे सकता है)
WHO ने इन वैरिएंट्स को “अभी खतरनाक नहीं” लेकिन निगरानी योग्य श्रेणी में रखा है।
क्या है JN.1 वैरिएंट और इसके लक्षण?
JN.1 वैरिएंट, ओमिक्रॉन का BA.2.86 स्ट्रेन है जिसे ‘पिरोला’ भी कहा जाता है। इसमें लगभग 30 म्यूटेशन होते हैं जो इम्यूनिटी को कमजोर करते हैं।
संभावित लक्षण:
- बुखार, सिरदर्द
- आंखों में जलन
- सूखी खांसी
- स्वाद या गंध का चले जाना
- गले में खराश, नाक बंद होना
- थकान, मांसपेशियों में दर्द
- दस्त या उल्टी
यह वैरिएंट गंभीर तो नहीं है, लेकिन तेजी से फैलता है।
इन वैरिएंट्स पर कौन सी वैक्सीन असरदार हैं?
विशेषज्ञों के अनुसार, निम्नलिखित वैक्सीन इन वैरिएंट्स पर असरदार हो सकती हैं:
- फाइजर-बायोएनटेक mRNA वैक्सीन
- मॉडर्ना mRNA वैक्सीन
- नोवावैक्स प्रोटीन वैक्सीन
- कोवोवैक्स (XBB.1.5) प्रोटीन सबयूनिट वैक्सीन