
इंदौर: नीट यूजी परीक्षा में बिजली गुल होने के मामले में आज हाई कोर्ट में सुनवाई होगी। 29 मई को सुनवाई नंबर नहीं आने के कारण टल गई है। आज रि-एग्जाम का मौका मिलेगा या नहीं इसे लेकर सुनवाई पर 2000 से अधिक प्रभावित स्टूडेंट्स की नजर है।
इससे पहले, याचिकाकर्ता स्टूडेंट्स के एडवोकेट मृदुल भटनागर ने हाईकोर्ट में आवेदन लगाकर रिजल्ट की तारीख आगे बढ़ाने और तेज आंधी, बारिश के कारण बिजली गुल होने के सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने की मांग की थी। 29 मई की सुनवाई में इन आवेदनों पर भी बहस होना थी लेकिन नहीं हो सकी थी।
26 मई को सुनवाई हुई थी, –
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता वर्चुअल उपस्थित हुए थे। इसके बाद NTA ने समय मांगा था। इस सुनवाई से पहले NTA ने जांच समिति बनाने को कहा था, एक रिपोर्ट भी दी थी। कोर्ट में सुनवाई शुरू होने से पहले रिपोर्ट भी दी थी। कोर्ट में सुनवाई शुरू होने से पहले NTA की ओर से भारत के सॉलिसिटर वर्चुअल अपीयर हुए और हाईकोर्ट से समय मांगा था।बता दें, NEET UG का रिजल्ट 14 जून को आना संभावित है।
इंदौर के 24 सेंटर पर परीक्षा प्रभावित –
NTA ने पहले पेश किए जवाब में कहा था कि इंदौर के 24 सेंटर पर परीक्षा प्रभावित हुई है। लेकिन 26 मई को पेश किए जवाब में कहा कि इंदौर के 18 और उज्जैन के 6 सेंटर पर परीक्षा प्रभावित हुई थी।इन सेंटर पर 2 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स परीक्षा में शामिल हुए थे। इंदौर से इस बार 27 हजार स्टूडेंट्स ने NEET UG परीक्षा दी है। इसके लिए इंदौर में 49 सेंटर बनाए गए थे। याचिकाकर्ताओं के एडवोकेट मृदुल भटनागर ने बताया कि NEET UG मामले में इंदौर-उज्जैन की करीब 60 याचिकाएं हो गई हैं। इंदौर में दो घंटे तक लाइट गुल रही थी। जबकि उज्जैन में 40 से 45 मिनट तक बिजली बाधित हुई थी।
क्या था पूरा मामला –
देशभर में 4 मई 2025 को NEET-UG की परीक्षा आयोजित हुई थी। मध्य प्रदेश के इंदौर में भी 49 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे, जहां लगभग 27 हजार छात्रों ने परीक्षा दी। इसी दौरान इंदौर में अचानक मौसम ने करवट ले ली। तेज बारिश और करीब 120 किमी/घंटा की रफ्तार से चली आंधी ने पूरे शहर की बिजली व्यवस्था ठप कर दी। इसके चलते करीब 11 सेंटरों की बिजली चली गई और परीक्षा केंद्रों में अंधेरा छा गया।
छात्रों ने मोमबत्ती की रोशनी में दिया पेपर-
बिजली गुल होने की वजह से कई छात्रों को मोमबत्ती और मोबाइल टॉर्च की रोशनी में पेपर देना पड़ा। घना अंधेरा होने के कारण बहुत से छात्र प्रश्न पत्र तक ठीक से पढ़ नहीं पाए। परीक्षा के बाद कई छात्र रोते हुए बाहर निकले। प्रभावित अभ्यर्थियों का कहना है कि, उन्होंने पूरी मेहनत से तैयारी की थी, लेकिन खराब व्यवस्था ने उनका भविष्य संकट में डाल दिया।