
सुकमा। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में पुलिस और सुरक्षा बलों के लिए बड़ी कामयाबी की खबर सामने आई है। सोमवार को जिले में 25 लाख के इनामी नक्सली सहित कुल 16 नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक किरण चौहान के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
पुलिस के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में अधिकतर केरलापेंदा गांव के निवासी हैं, जिसे अब नक्सल मुक्त घोषित कर दिया गया है।
आत्मसमर्पण की मुख्य वजहें
एसपी किरण चौहान ने बताया कि यह आत्मसमर्पण छत्तीसगढ़ शासन की ‘नक्सलवाद आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025’ और ‘नियद नेल्ला नार योजना’ से प्रेरित होकर हुआ है। इसके अलावा अंदरूनी इलाकों में तेजी से नवीन सुरक्षा कैंपों की स्थापना, निरंतर ऑपरेशनों और पुलिस के बढ़ते प्रभाव से नक्सलियों में भय और निराशा का माहौल बना है, जिससे वे अब मुख्यधारा में लौटने को मजबूर हो रहे हैं।
पुनर्वास सुविधाएं और प्रोत्साहन राशि
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि प्रत्येक आत्मसमर्पित नक्सली को 50,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके अतिरिक्त उन्हें शासन द्वारा आवास, शिक्षा, चिकित्सा और रोजगार जैसी अन्य पुनर्वास सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी।
एसपी चौहान ने स्पष्ट रूप से कहा, केरलापेंदा गांव अब नक्सल मुक्त हो चुका है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की पहचान की जा चुकी है और वे लंबे समय से संगठन में सक्रिय थे।
सुरक्षा बलों का बढ़ता दबदबा
छत्तीसगढ़ के बीहड़ों में नक्सलियों के गढ़ माने जाने वाले इलाकों में लगातार पुलिस और अर्धसैनिक बलों द्वारा सुरक्षा कैंपों की स्थापना और सघन सर्च ऑपरेशनों से नक्सल नेटवर्क पर लगाम कसने में कामयाबी मिल रही है। सुकमा जैसे संवेदनशील जिले में एक साथ 16 नक्सलियों का आत्मसमर्पण यह दर्शाता है कि सरकार और पुलिस की रणनीति सही दिशा में काम कर रही है।