
नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने जम्मू-कश्मीर के कीरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक समेत छह अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। यह मामला करीब 2,200 करोड़ रुपए के सिविल वर्क्स कॉन्ट्रैक्ट में अनियमितताओं से जुड़ा है।
6 लोगों के खिलाफ चार्जशीट
CBI ने गुरुवार को अदालत में जो चार्जशीट दाखिल की, उसमें पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का नाम प्रमुख रूप से शामिल है। उनके अलावा छह अन्य लोगों पर भी आरोप लगाए गए हैं। ये चार्जशीट उस कथित घोटाले से जुड़ी है, जिसमें 2019 में कीरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट का सिविल वर्क्स कॉन्ट्रैक्ट एक निजी कंपनी को गलत तरीके से देने की बात सामने आई थी।
CBI ने मलिक के घर समेत 30 ठिकानों पर मारे थे छापे
CBI ने इस मामले में 22 फरवरी 2024 को सत्यपाल मलिक के ठिकानों पर छापा मारा था। साथ ही दिल्ली समेत देशभर के 29 अन्य स्थानों पर भी एक साथ रेड की गई थी। इस दौरान कई दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज और अन्य सबूत जुटाए गए थे।
अस्पताल में हूं, बात नहीं कर सकता- सत्यपाल मलिक
चार्जशीट दाखिल होने के बाद सत्यपाल मलिक ने सोशल मीडिया के जरिए जानकारी दी कि वे फिलहाल अस्पताल में भर्ती हैं और किसी से बात करने की स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने लिखा, “मुझे शुभचिंतकों के फोन आ रहे हैं, लेकिन मैं जवाब नहीं दे पा रहा। स्थिति सुधरने पर खुद बात करूंगा।”
मलिक का दावा- रिश्वत ऑफर हुई थी, लेकिन मैंने ठुकरा दी
गौरतलब है कि सत्यपाल मलिक ने 17 अक्टूबर 2021 को राजस्थान के झुंझुनू में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में खुलासा किया था कि उन्हें राज्यपाल रहते हुए 300 करोड़ रुपए की रिश्वत ऑफर की गई थी। उन्होंने कहा था कि उनके पास दो फाइलें आई थीं। एक, एक बड़े उद्योगपति से जुड़ी और दूसरी उस समय की गठबंधन सरकार के एक पूर्व मंत्री से संबंधित थी। मलिक ने दावा किया था कि उन्होंने इन डील्स को यह कहकर खारिज कर दिया कि मैं पांच कुर्ता-पायजामे लेकर आया हूं और उन्हीं के साथ चला जाऊंगा।
अप्रैल 2022 में दर्ज हुआ था मामला
मलिक के इस बयान के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने अप्रैल 2022 में CBI को जांच के लिए पत्र लिखा, जिसके आधार पर CBI ने मामला दर्ज किया। मलिक अगस्त 2018 से अक्टूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे थे। उन्हीं के कार्यकाल में यह कथित घोटाला हुआ।
CBI ने दर्ज की थीं दो अलग-अलग FIR
CBI ने इस मामले में दो एफआईआर दर्ज की थीं। पहली FIR लगभग 60 करोड़ रुपए के कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ी है। यह 2017-18 में जम्मू-कश्मीर कर्मचारी स्वास्थ्य देखभाल बीमा योजना का ठेका देने के बदले एक इंश्योरेंस कंपनी से कथित तौर पर रिश्वत लेने का मामला है।
दूसरी FIR 2019 में कीरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के सिविल वर्क्स के लिए 2,200 करोड़ रुपए का ठेका एक निजी फर्म को देने में अनियमितताओं से जुड़ी है।
CBI रेड के बाद मलिक ने कहा था, “CBI ने मेरे घर छापा मारा, लेकिन जिन लोगों के खिलाफ मैंने भ्रष्टाचार की शिकायत की थी, उनकी जांच नहीं की गई। उन्हें मेरे पास चार-पांच कुर्ता-पायजामा ही मिलेंगे। मैं किसान का बेटा हूं, डरूंगा नहीं।”