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मंत्री विजय शाह को SC से राहत, लेकिन फिर भी जनता से दूरी बरकरार, 28 मई को कोर्ट में पेश होगी रिपोर्ट

भोपाल। मध्यप्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. विजय शाह हाल ही में अपने विवादित बयान को लेकर गहरे विवाद में फंस गए हैं। सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकवादियों की बहन बताने वाले इस बयान पर मचे बवाल के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 19 मई को उनकी गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी है। लेकिन कोर्ट से मिली राहत के बावजूद मंत्री शाह अब तक सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आ रहे हैं। वहीं, उनके समर्थक सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं और उनके पक्ष में लगातार अभियान चला रहे हैं।

विजय शाह की सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूरी

14 मई को हरसूद और खंडवा में आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेने के बाद से मंत्री विजय शाह सार्वजनिक रूप से पूरी तरह गायब हैं। 15 मई की रात सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हुई, जिसमें वे अपनी पत्नी के साथ ट्रेन से भोपाल रवाना होते नजर आ रहे हैं। लेकिन इसके बाद न तो वे भोपाल स्थित अपने बंगले पर दिखाई दिए और न ही किसी आधिकारिक कार्यालय में। इस चुप्पी ने उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।

सोशल मीडिया पर समर्थक सक्रिय

बयान के बाद सोशल मीडिया पर मंत्री शाह के पक्ष में उनके समर्थक सक्रिय हो गए हैं। विजय शाह फैंस क्लब जैसे पेजों पर लगातार पोस्ट किए जा रहे हैं, जिनमें उन्हें देशभक्त बताया जा रहा है। उनके समर्थकों का कहना है कि विजय शाह को इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि वे एक आदिवासी नेता हैं।

मुस्लिम समर्थक ने किया समर्थन

एक मुस्लिम समर्थक ने वीडियो संदेश में कहा कि विजय शाह ने कभी भी धार्मिक भेदभाव नहीं किया और उनके बयान को संदर्भ से काटकर पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि विजय शाह गरीबों के हितैषी हैं और एक मजाकिया अंदाज में कही गई बात को इतना बड़ा मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार चाहे तो पूरी जांच करवा सकती है, मंत्री की नीयत पर सवाल उठाना गलत है।

बेटे दिव्यादित्य शाह ने निभाई जिम्मेदारी

मंत्री विजय शाह के बेटे और खंडवा जिला पंचायत के उपाध्यक्ष दिव्यादित्य शाह ने 18 मई को अपने क्षेत्र के सैनिकों का सम्मान कर एक संदेश देने की कोशिश की कि परिवार अब भी राष्ट्रवाद और सेना के साथ खड़ा है। यह कदम उस वक्त उठाया गया जब विजय शाह खुद किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए।

SIT ने शुरू की जांच

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गठित विशेष जांच टीम (SIT) ने इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। सागर IG प्रमोद कुमार वर्मा, DIG कल्याण चक्रवर्ती और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मामले से संबंधित दस्तावेज और वीडियो खंगाल रहे हैं। SIT को 28 मई तक सुप्रीम कोर्ट में अपनी स्टेटस रिपोर्ट पेश करनी है, जिसके बाद ही मंत्री शाह की कानूनी स्थिति और राजनीतिक भविष्य पर कुछ स्पष्टता आ पाएगी।

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