
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने खुफिया ब्यूरो (IB) के निदेशक तपन कुमार डेका को एक वर्ष का सेवा विस्तार प्रदान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडलीय नियुक्ति समिति (Appointments Committee of the Cabinet – ACC) ने उनके कार्यकाल विस्तार को स्वीकृति दे दी है। अब वे 30 जून 2026 तक इस पद पर बने रहेंगे।
डेका का मौजूदा कार्यकाल 30 जून 2025 को समाप्त होने वाला था। यह लगातार दूसरा मौका है जब उन्हें सेवा विस्तार दिया गया है। डेका को यह विस्तार देश की आंतरिक सुरक्षा में योगदान, आतंकवाद विरोधी अभियानों में अनुभव और सरकार के लिए विश्वसनीय संकट प्रबंधक होने के चलते दिया गया है।

बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों के बीच लिया गया फैसला
हाल ही में पहुलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा पाकिस्तान और पीओके में आतंकियों के ढांचों पर की गई कार्रवाई के मद्देनजर यह सेवा विस्तार और अधिक प्रासंगिक माना जा रहा है।
तपन कुमार डेका का प्रोफाइल
- आईपीएस अधिकारी (1988 बैच, हिमाचल प्रदेश कैडर)
- जून 2022 में पहली बार बने थे आईबी प्रमुख
- 2023 में एक बार पहले भी मिला था एक साल का विस्तार
- 2008 के मुंबई 26/11 हमले के दौरान जवाबी ऑपरेशन के प्रभारी रहे
- इंडियन मुजाहिदीन के खिलाफ अभियानों में निभाई थी अहम भूमिका
- नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के बाद असम में हुई हिंसा को भी किया था नियंत्रित
- ऑपरेशंस विंग में दो दशक से ज्यादा वक्त तक रहे सक्रिय
- जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में सुरक्षा रणनीति के विशेषज्ञ माने जाते हैं।
कानूनी आधार पर हुआ विस्तार
कार्मिक मंत्रालय के आदेश में स्पष्ट किया गया है कि यह सेवा विस्तार अखिल भारतीय सेवा नियमावली, 1958 की धारा 16 (1ए) और एफआर 56 (डी) के अंतर्गत “सार्वजनिक हित” में किया गया है। ये प्रावधान सरकार को IB, RAW, गृह सचिव और कैबिनेट सचिव जैसे पदों पर कार्यरत अधिकारियों की सेवाएं 60 वर्ष की आयु के बाद भी बढ़ाने की अनुमति देते हैं।
सरकार के लिए संकट प्रबंधन में भरोसेमंद चेहरा
तपन डेका को सरकार के भरोसेमंद संकट प्रबंधक के रूप में जाना जाता है। उनका नेतृत्व भारत की आंतरिक सुरक्षा नीति को मजबूती देने में लगातार प्रभावी रहा है। खुफिया तंत्र की मजबूती और जमीनी संचालन में उनकी सक्रिय भूमिका भारत को आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक बढ़त दिलाने में सहायक रही है।