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पाकिस्तान ने की भारत की नकल : ग्लोबल लेवल पर पाक का पक्ष रखेंगे बिलावल भुट्टो, PM शरीफ ने सौंपी जिम्मेदारी

इस्लामाबाद। भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव के बाद अब दोनों देश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी-अपनी रणनीति को मजबूत करने में जुट गए हैं। भारत ने जहां ऑपरेशन ‘सिंदूर’ की सफलता के बाद 40 सांसदों की एक टीम बनाकर दुनिया के सामने पाकिस्तान को बेनकाब करने की योजना तैयार की है। वहीं पाकिस्तान ने भी जवाबी कूटनीति के तहत पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी को जिम्मेदारी दी है। वे अब ग्लोबल मंचों पर पाकिस्तान का पक्ष रखेंगे।

शनिवार सुबह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बिलावल भुट्टो से संपर्क कर उन्हें एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने को कहा। बिलावल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बताया कि उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपना उनके लिए सम्मान की बात है।

पाकिस्तान ने बनाई विशेष समिति

बिलावल भुट्टो सिर्फ अकेले नहीं होंगे, बल्कि उनके साथ एक विशेष समिति का गठन भी किया गया है। इस समिति में पाकिस्तान के पूर्व मंत्री खुर्रम दस्तगीर खान, हिना रब्बानी खार और पूर्व विदेश सचिव जलील अब्बास जिलानी को शामिल किया गया है। इस टीम का मकसद वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान की छवि को सुधराना और शांति के पक्षधर के रूप में प्रस्तुत करना है।

डिप्टी पीएम ने कहा- बातचीत की ओर बढ़ रहे हैं

पाकिस्तान के डिप्टी प्रधानमंत्री इशाक डार ने एक मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कायम है और दोनों देश तनाव कम करने के प्रयास में हैं। उन्होंने कहा, “हमने एक रोडमैप तैयार किया है, अगला कदम बातचीत है और पाकिस्तान इसके लिए तैयार है।” उन्होंने यह भी दावा किया कि अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने फोन करके बताया था कि भारत भी युद्धविराम का पक्षधर है।

सैनिकों से मिलने पहुंचे राष्ट्रपति जरदारी

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी शनिवार को गुजरांवाला छावनी का दौरा किया, जहां उन्होंने सैनिकों से मुलाकात की और उनकी सराहना की। इस दौरान गृह मंत्री मोहसिन नकवी और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर भी मौजूद थे।

तुर्की और ईरान से समर्थन जुटाने की कोशिश

शहबाज शरीफ ने शनिवार को ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से फोन पर बातचीत कर भारत-पाक तनाव में ईरान के शांति प्रयासों की सराहना की। वहीं तुर्किये के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन ने भी कश्मीर मुद्दे पर शरीफ से बातचीत की और इस दिशा में हरसंभव मदद का भरोसा दिया।

भारत की रणनीति- 40 सांसदों की टीम बनेगी आवाज

भारत ने ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी के बाद पाकिस्तान की सच्चाई को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उजागर करने के लिए 40 सांसदों की टीम बनाई है, जिसे सात डेलिगेशन में बांटा गया है। इस टीम में सभी दलों के नेता शामिल हैं। इनका उद्देश्य है कि दुनिया को बताया जाए कि पाकिस्तान कैसे आतंकवाद को बढ़ावा देता है।

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि ये प्रतिनिधिमंडल भारत की “जीरो टॉलरेंस अगेंस्ट टेररिज्म” नीति को दुनिया के सामने रखेगा। इस टीम में कांग्रेस सांसद शशि थरूर, एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले, डीएमके की कनिमोझी, बीजेपी के रविशंकर प्रसाद, बैजयंत पांडा और संजय झा जैसे प्रमुख नेता शामिल हैं।

पाकिस्तान की रणनीति कितनी कारगर?

विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान की यह कोशिश भारत के संगठित और बहुपक्षीय प्रयासों के सामने काफी कमजोर नजर आती है। भारत जहां स्पष्ट तथ्यों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के साथ आगे बढ़ रहा है, वहीं पाकिस्तान की कोशिश को ‘भारत की रणनीति की नकल’ के रूप में देखा जा रहा है। बिलावल भुट्टो की छवि युवा और प्रगतिशील नेता के रूप में जरूर है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी स्वीकार्यता भारत के वरिष्ठ सांसदों और राजनयिकों के मुकाबले सीमित है।

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