
वॉशिंगटन। अमेरिका में रहने वाले लोगों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर सामने आई है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया है कि, वह एक ऐसे कार्यकारी आदेश (Executive Order) पर साइन करेंगे, जिससे दवाओं की कीमतों में 30% से 80% तक की कटौती की जा सकेगी। ट्रंप ने इस फैसले को अमेरिकी इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण आदेश बताया है। उनका दावा है कि, यह आदेश न केवल नागरिकों के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि देश को ट्रिलियन डॉलर की बचत भी कराएगा।
दवाओं की कीमतों में भारी कटौती का दावा
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर जानकारी दी कि, वह सोमवार को एक ऐसा आदेश साइन करेंगे, जिससे प्रिस्क्रिप्शन दवाओं की कीमतें अमेरिका में काफी हद तक कम हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि “अमेरिका अब वह कीमत देगा, जो दुनिया में सबसे कम कीमत चुकाने वाला देश देता है।”
इस नीति के बाद अमेरिका में कई दवाएं तत्काल 30 से 80 प्रतिशत तक सस्ती हो सकती हैं। ट्रंप ने कहा कि यह कदम लंबे समय से जरूरी था क्योंकि अमेरिका में दवाओं की कीमतें बाकी दुनिया की तुलना में कई गुना ज्यादा थीं।
अमेरिका लागू करेगा ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ पॉलिसी
ट्रंप के अनुसार, अमेरिका अब “Most Favoured Nation Policy” लागू करेगा, जिसके तहत दवाएं उसी दर पर खरीदी जाएंगी, जो दर अन्य देशों में सबसे कम है। इस कदम से अमेरिकी नागरिकों के हेल्थकेयर खर्च में बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, अब समय आ गया है कि अमेरिका को भी न्यायपूर्ण मूल्य व्यवस्था मिले। यह फैसला उन दवा कंपनियों के प्रभाव को खत्म करेगा जो वर्षों से अमेरिकी बाजार पर हावी हैं।
व्हाइट हाउस देगा मेडिकेयर दवाओं पर छूट
पोलिटिको की एक रिपोर्ट के मुताबिक, व्हाइट हाउस मेडिकेयर के तहत खरीदी जाने वाली दवाओं पर भारी छूट देने की योजना बना रहा है। इसका लाभ सीधे बुजुर्गों और ज़रूरतमंद नागरिकों को मिल सकता है।
हालांकि, ट्रंप ने यह स्पष्ट नहीं किया कि इस आदेश को इतनी जल्दी कैसे लागू किया जाएगा और इसकी वित्तीय रूप से भरपाई कैसे की जाएगी।
दवा कंपनियों का हो सकता है विरोध
इस आदेश का दवा उद्योग द्वारा विरोध किया जाना तय माना जा रहा है। यह वही आदेश है जिसे ट्रंप अपने पहले कार्यकाल में लागू करने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन तब कानूनी अड़चनों और विपक्ष के विरोध के चलते यह पारित नहीं हो पाया था।
बाइडेन प्रशासन ने भी ट्रंप के अंतिम दिनों में साइन किए गए आदेश को लागू नहीं होने दिया था। इस बार भी इसे कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।
वैश्विक दवा बाजार पर असर की आशंका
ट्रंप का दावा है कि इस फैसले से दुनियाभर में दवाओं की कीमतें बढ़ सकती हैं ताकि वैश्विक स्तर पर कीमतों में समानता लाई जा सके। विशेषज्ञों का मानना है कि, यदि यह आदेश लागू हुआ तो दवा उद्योग की मूल्य निर्धारण नीतियों और वैश्विक सप्लाई चेन पर गहरा असर पड़ेगा।
ये भी पढ़ें- सीजफायर के बाद LoC पर शांति : 19 दिनों में पहली रात नहीं हुई गोलीबारी, भारत-पाक बॉर्डर पर सामान्य होने लगे हैं हालात